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पुणे हादसे पर नीतीश के मंत्री का विवादित बयान, बोले- लोग शौक से करते हैं पलायन

परिजन और ग्रामीणों ने बिहार सरकार पर सीधा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर बिहार में रोजगार होता तो परिवार के लोग बाहर कमाने नहीं जाते और उनकी मौत नहीं होती.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

महाराष्ट्र के पुणे में दीवार गिरने से बिहार के 15 मजदूरों की असामयिक मौत हो गई थी, जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. सभी मृतकों के शव को एयर एंबुलेंस से उनके घर लाया गया. सभी मृतक मजदूर पुणे में बिल्डिंग के कंस्ट्र्क्शन का काम करते थे. इसी बीच अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा, 'कुछ लोग शौक से भी पलायन करने चले जाते हैं.'

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महाराष्ट्र के पुणे में दीवार गिरने से मरने वाले 15 मृतकों में से 12 मृतक कटिहार के बलरामपुर प्रखंड के तीन गांव बघार-बाइसबिघ्घी और डटीयन गांव के हैं. प्रशासन ने सभी शव परिजनों को सौंप दिए. सभी 12 मृतकों का शव एयर एम्बुलेंस से गांव लाया गया. गांव में कई ऐसे परिवार भी हैं जिनके घर के एक साथ चार सदस्यों की हादसे में मौत हो गई. कई परिवारों ने घर का अकेला कमाने वाला बेटा खो दिया. एस घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.

परिजनों और ग्रामीणों ने बिहार सरकार पर सीधा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर बिहार में रोजगार होता तो आज परिवार के लोग बाहर कमाने नहीं जाते और उनकी मौत नहीं होती. इसी बीच पीड़ित परिवार को सांत्वना देने नेता-मंत्री और जिला प्रशासन के लोग पहुंचे हुए थे. जिस पर मृतकों के परिजनों ने बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री विनोद सिंह को बिहार में बेरोजगारी को लेकर खरी-खोटी सुनाई.

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मदद की कोशिश

जब मंत्री विनोद सिंह से बिहार में पलायन के मुद्दे पर सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा 'सरकार मृतकों के परिवार को मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन कुछ लोग शौक से भी पलायन करने के लिए चले जाते हैं'. मंत्री विनोद सिंह बिहार ने कहा, 'बिहार के अंदर रोजगार का बहुत सारा साधन खुला हुआ है, रोजगार मिल भी रहा है, लेकिन ये तो बिहार सरकार बनने के पहले से लोग वहां पर रह रहे थे, जिस समय यहां पर किसी दूसरी पार्टी की सरकार थी और तब से ही लोग वहां रह रहे हैं, तो हम कैसे कह सकते हैं कि सरकार इसमें दोषी है, सरकार हर तरह की संभव मदद करने के लिए तैयार है. पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी. दुख की घड़ी में सरकार खड़ी है.'

मंत्री विनोद सिंह ने कहा कि कुछ लोगों को दूसरे समाज का कल्चर अच्छा लगता है. जब से बिहार में नीतीश-मोदी की सरकार बनी है तब से नहीं के बराबर पलायन बिहार से हो रहा है. उधर जिला प्रशासन ने सभी मृतकों के परिवार को महाराष्ट्र सरकार और बिहार सरकार के राहत कोष से मिलने वाली सहायता राशि प्रति मृत व्यक्ति 7 लाख 3 हजार रुपये देने का ऐलान किया है.

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