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सिविल इंजीनियरिंग, यूट्यूबर और फिर नेतागीरी... जानिए मनीष कश्यप की पूरी कहानी

Manish Kashyap News: बिहार में इन दिनों इस बात को लेकर बवाल मचा हुआ है कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमला हुआ या नहीं. मामला सुर्खियों में आया तो नीतीश सरकार ने जांच करवा दी, जिसमें पता चला कि मजदूरों पर कोई हमला नहीं हुआ. इस मामले के बीच मनीष कश्यप नाम का शख्स काफी चर्चा में है. 6 मार्च को यूट्यूबर मनीष सहित 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.

Youtuber मनीष कश्यप. (Social Media) Youtuber मनीष कश्यप. (Social Media)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप के कुछ ट्वीट्स के बाद बिहार और तमिलनाडु में बवाल मच गया है. इसके बाद बिहार पुलिस ने यूट्यूबर पर केस दर्ज कर उसके चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया. पुलिस अब मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. दरअसल, मनीष कश्यप ने कई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे, और दावा किया था कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ हमले हो रहे हैं, जिसके बाद पुलिस ने जांच की और दावा किया कि ऐसा कुछ नहीं है.

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बता दें कि मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण के डुमरी महनवा गांव में हुआ. मनीष खुद को 'सन ऑफ बिहार' (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. अपने नाम के पीछे वो 'कश्यप' लगाता है. हालांकि ज्यादातर जगहों पर 'मनीष' लिखता है. 

मनीष की शुरुआती शिक्षा गांव से ही हुई. उसने साल 2009 में 12वीं पास की. इसके बाद में महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से उच्च शिक्षा पूरी हुई. मनीष ने साल 2016 में पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में BE किया. इसके दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर वीडियो बनाने लगा.

2020 में चुनाव लड़ चुका है मनीष

साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में मनीष ने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया है. मनीष की मां मधु गृहणी हैं. वहीं पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रहे हैं.

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मनीष कश्यप पर किस मामले में लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार?

तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हो रहे हमले को लेकर फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ था. इसी मामले में बिहार पुलिस ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज किया है. केस दर्ज होने के बाद मनीष कश्यप के खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारियों के खिलाफ हमले हो रहे हैं, जिसमें दो बिहारी मजदूरों की मौत भी हो गई. सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए, जिसके बाद तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के बीच दहशत का माहौल बन गया.

इन वीडियो को सच मानकर बिहार के मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और मुख्य सचिव व डीजीपी को मामले की जांच करने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु गई थी, जहां पर मामले की पड़ताल की गई. इसमें पता चला कि सोशल मीडिया पर जितने भी खबरें और वीडियो चल रहे हैं, वह सभी फर्जी हैं, तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ है.

बिहार के मजदूरों पर नहीं हुआ कोई हमला

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जब इस बात का खुलासा हुआ कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ, सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और खबरें डाली जा रही हैं तो इसको लेकर बिहार पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया, इसमें यूट्यूबर मनीष कश्यप भी शामिल है. तमिलनाडु से जुड़े फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के मामले में जब मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो वह भड़क गए.

केस दर्ज हुआ तो तेजस्वी यादव पर साधा निशाना

मनीष कश्यप ने अपना गुस्सा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ निकाला. उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के परिवार के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी के मामले में सीबीआई छापेमारी से ध्यान भटकाने के लिए ही उन्होंने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. मनीष कश्यप ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, वह डरने वाले नहीं हैं. वह बिहार में कहीं भी अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं.

मनीष पर पहले भी कई मामलों में हो चुकी है कार्रवाई

बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई थाने में विभिन्न धाराओं में मनीष कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. बता दें कि मनीष कश्यप का विवादों से पुराना नाता रहा है. वह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है. साल 2019 में पश्चिम चंपारण में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर में स्थित किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था. इस मामले को लेकर मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें साझा की थीं और राष्ट्रवाद के नाम पर मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन किया था. इस मामले में जेल जाना पड़ा था.

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मनीष के चार बैंक खातों को किया गया फ्रीज

तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत को जल्द ही गिरफ्तार करेगी. दोनों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं. दोनों के बैंक अकाउंट्स को भी फ्रीज कर दिया गया है.

बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज करा दिया है. इसमें कुल 42.11 लाख रुपए की राशि है. बिहार पुलिस का कहना है कि इनके SBI के खाते में 3,37,496 रुपए, IDFC BANK के खाते में 51,069 रुपए, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 रुपए हैं. इसके अलावा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रुपए जमा हैं.

'जक्कनपुर की बंगाली कॉलोनी में शूट किया गया था वीडियो'

एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा था कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो असत्य पाए गए, जो घटनाओं को गलत तरीके से पेश कर रहे थे. इस मामले में केस दर्ज किया गया. 10 सदस्यीय जांच दल ने मामले की जांच की. कुल 30 वीडियो और पोस्ट को चिह्नित किया गया. 

उन्होंने कहा कि एक और वीडियो 8 मार्च को शेयर किया गया, वीडियो को अपलोड करने वाले राकेश रंजन कुमार से पूछताछ की गई, जिसमें बताया कि 6 मार्च को ये फर्जी वीडियो अपने दो साथियों के साथ बनाया था. इसे जक्कनपुर की बंगाली कॉलोनी में शूट किया था. ये बातें जांच में साबित हो गईं. यह गंभीर अपराध है. इसमें एक सेपरेट एफआईआर मनीष कश्यप, राकेश रंजन और उनके दो साथियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज कराई.

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