
बिहार में शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने का कार्यक्रम तय हुआ है. इसे लेकर अब एनडीए में दरार आ गई है. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ऐलान किया है कि वह इस मानव श्रृंखला कार्यक्रम का समर्थन नहीं करेंगे जबकि बीजेपी इस कार्यक्रम के समर्थन में खड़ी हो गई है.
पिछले हफ्ते पटना में हुए प्रकाश उत्सव कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी को लेकर काफी तारीफ की थी और उसी के बाद बीजेपी जो कि अब तक शराबबंदी के विरोध में थी उसने यू-टर्न लेते हुए मानव श्रृंखला कार्यक्रम का समर्थन करने का ऐलान कर दिया.
शराबबंदी पर बीजेपी के रुख में बदलाव एनडीए में नए विवाद की वजह बन चुका है. अब तक बीजेपी और जीतन राम मांझी की पार्टी शराबबंदी को तालिबानी फरमान बताकर इसका विरोध करते आ रही थी. बीजेपी ने के यू-टर्न के बावजूद जीतन राम मांझी अपने रुख पर कायम हैं. उन्होंने कहा है कि अगर कानून से तालिबानी प्रावधानों को नहीं जाता है तो उनकी पार्टी मानव श्रृंखला कार्यक्रम का समर्थन नहीं करेगी.
शराबबंदी के नए कानून के मुताबिक अगर किसी के घर में शराब की बोतल मिलती है तो उस घर के सभी व्यस्क लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डालने का प्रावधान है. नए कानून में सामूहिक जुर्माने का भी प्रावधान है जिसका बीजेपी और मांझी की पार्टी विरोध कर रही थी. बीजेपी ने एक ओर जहां प्रधानमंत्री के शराबबंदी को समर्थन के बाद अपने रुख में परिवर्तन कर लिया है वहीं जीतन राम मांझी बीजेपी के पीछ-पीछे चलने को तैयार नहीं हैं.