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बिहार MLC चुनाव में डुप्लीकेट का खेल, 13 सीटों पर एक ही नाम के कैंडिडेट, बिगाड़ न दें गेम?

बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर वोटिंग जारी है. इनमें से 13 एमएलसी सीटें ऐसी हैं, जहां पर एक ही नाम के दो या फिर उससे अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं. इससे आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी के उम्मीदवारों की चिंता सबसे बड़ी हुई है तो मतदाता भी कन्फ्यूज हैं, क्योंकि नाम के साथ चुनाव निशान तो है ही नहीं.

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कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 04 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST
  • बिहार की 24 एमएलसी सीट पर वोटिंग
  • एक नाम के कई कैंडिडेट होने से कन्फ्यूजन
  • राजनीतिक दलों का बिगड़ सकता है खेल

बिहार में विधानपरिषद की 24 सीटों पर वोटिंग जारी है. सोमवार की सुबह आठ बजे से ही मतदाता बैलेट पेपर पर पसंदीदा प्रत्याशी के लिए वोट कर रहे हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी दिक्कत डुप्लीकेट कैंडिडेट की है. एमएलसी चुनाव में करीब आधी सीटें ऐसी हैं, जहां पर एक ही नाम से कई उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके चलते मतदाताओं को अपना और पराया की पहचान करने के लिए मशकक्त करनी पड़ रही है, क्योंकि बैलेट पेपर पर चुनाव निशान नहीं बल्कि कैंडिडेट के नाम हैं. ऐसे में देखना होगा कि कौन किसका सियासी खेल बनाता है और किसका बिगड़ता है? 

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बिहार में 24 स्थानीय निकाय वाली विधान परिषद सीटों पर कुल 187 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 13 सीटों पर एक ही नाम के दो या दो से अधिक कैंडिडेट मैदान में हैं. इस तरह से इन 13 सीटों पर हमनाम उम्मीदवार के होने से मतदाताओं के सामने भ्रम की स्थिति बन गई है. एक नाम के प्रत्याशी बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस जैसे बड़े दलों के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए सबसे ज्यादा चिंता बढ़ गई है. हालांकि, कैंडिडेट ने बैलेट पेपर अपने नाम के क्रमांक को बता रखा है. 

MLC चुनाव में अजय नाम की भरमार

24 एमएलसी सीट पर उतरे कुल 187 प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा अजय नाम के आठ प्रत्याशी हैं. इसी तरह अशोक नाम के छह और संजय नाम के छह प्रत्याशी हैं तो राजेश और दिलीप के पांच-पांच उम्मीदवार हैं. इनमें से कई के नाम अलग-अलग क्षेत्रों में है, जिससे वोटरों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. वहीं, सबसे ज्यादा दिक्कत उन सीटों पर होगी, जहां एक ही क्षेत्र में दो से ज्यादा हमनाम कैंडिडेट है. ऐसे में चिंता और चुनौती दोनों ही बढ़ी है तो मतदाताओं के सामने भ्रम की स्थिति पैदा  हो गई है.

पूर्वी चंपारण में करनी होगी माथापच्‍ची

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बिहार एमएलसी चुनाव में सबसे ज्यादा दिक्कच पूर्वी चंपारण में है, जहां पर आरजेडी और बीजेपी के प्रत्याशियों के नाम राजेश कुमार हैं तो एक निर्दलीय किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि आरजेडी के राजेश कुमार ने अपने नाम के आगे उर्फ बब्लू देव लगा लिया है तो उदय नाम के भी दो प्रत्याशी मैदान में है. मुजफ्फरपुर में शंभु कुमार नाम के तीन और दिनेश प्रसाद सिंह नाम के दो प्रत्याशी हैं. यहां पर किसी के नाम में कोई फर्क नहीं.

अजय कुमार और संजय कुमार कम नहीं

मुंगेर में अजय कुमार नाम के चार प्रत्याशी हैं तो संजय नाम के भी तीन कैंडिडेट हैं. एक संजय प्रकाश और दो संजय प्रसाद किस्मत आजमा रहे हैं. गया में मनोरमा देवी नाम की दो कैंडिडेट हैं, जिसमें एक जेडीयू और निर्दलीय आमने-सामने हैं. औरंगाबाद क्षेत्र में में भी कुल तीन प्रत्याशी है, इनमें दो हमनाम हैं. आरजेडी के अनुज कुमार सिंह और एक निर्दलीय अनुज कुमार के नाम से हैं. गोपालगंज में राजीव कुमार सिंह और दिलीप कुमार सिंह दो-दो कैंडिडेट हैं, जिनके नामों पर कोई अंतर नहीं है.

भागलपुर में श्रेत्र के विजय कुमार सिंह नाम से दो कैंडिडेट आमने सामने हैं. एक जदयू से दूसरा निर्दलीय है. सहरसा में बीजेपी व माकपा से प्रत्याशियों के नाम नीतू कुमारी सिंह है. नवादा में अशोक कुमार नाम से तीन और श्रवण कुमार नाम के दो प्रत्याशी हैं. सीतामढ़ी में जदयू की रेखा कुमारी के सामने निर्दलीय भी रेखा कुमारी हैं. पश्चिमी चंपारण में जदयू के राजेश कुमार के सामने निर्दलीय राजेश कुमार हैं. 

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कटिहार में आरजेडी के कुंदन कुमार के अलावा एक निर्दलीय इसी नाम के है. पूर्णिया में आरजेडी के अब्दुस सुब्हान के मुकाबले एक निर्दलीय अब्दुस सु्ब्हान हैं. इससे उनकी चुनौती बढ़ी है. बेगूसराय, सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सारण, सिवान, रोहतास, भोजपुर, नालंदा और पटना निर्वाचन क्षेत्र में हमनाम एक भी प्रत्याशी नहीं है हैं. 

 

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