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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार पीड़ितों के इलाज पर यह बोले हर्षवर्धन

हर्षवर्धन ने मरीजों की केस हिस्ट्री भी देखी और चिकित्सकों से उपचार के संबंध में जानकारी ली. हर्षवर्धन ने पत्रकारों से कहा कि मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में इस बीमारी के मरीजों संख्या बढ़ना चिंताजनक है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (फाइल फोटो) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (फाइल फोटो)
aajtak.in/रोहित कुमार सिंह
  • मुजफ्फरपुर,
  • 16 जून 2019,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रविवार को चमकी बुखार से प्रभावित मुजफ्फरपुर का दौरा किया. डॉक्टर हर्षवर्धन ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचकर पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की.

हर्षवर्धन ने मरीजों की केस हिस्ट्री भी देखी और चिकित्सकों से उपचार के संबंध में जानकारी ली. हर्षवर्धन ने पत्रकारों से कहा कि मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में इस बीमारी के मरीजों संख्या बढ़ना चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष इस बीमारी से अधिक मौतें हुई हैं. डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने मरीजों की केस हिस्ट्री देखी है. 85 फीसदी मरीजों की समस्या जल्दी सुबह ही बढ़ी है.

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उन्होंने कहा कि इस बीमारी की चपेट में आने वाले कुछ बच्चे जल्दी अस्पताल पहुंच गए, जबकि कुछ मरीजों को अस्पताल पहुंचने में समय लगा. जो मरीज जल्दी अस्पताल पहुंच गए, उन्होंने रिकवरी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों के उपचार और अस्पताल के इंतजामात पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों में अस्पताल के चिकित्सक और नर्स बच्चों का अच्छा उपचार कर रहे हैं.

उन्होंने मृत्यु की वजह पता लगाने के लिए रिसर्च सेंटर को जरूरी बताया. अस्पताल में पानी से जुड़े सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ भी बोलने से मना करते हुए कहा कि इस तरह के सवाल मुझसे ना करें.

4 घंटे अस्पताल में रहे हर्षवर्धन

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन अस्पताल में 4 घंटे रहे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में उपचाराधीन चमकी बुखार के सभी मरीजों से मुलाकात की. हर्षवर्धन ने कहा कि 4 घंटों में 100 बच्चों और उनके परिजनों से मिला हूं. एक डॉक्टर के तौर पर मैंने सभी मरीजों से मुलाकात की. गौरतलब है कि हर्षवर्धन की मौजूदगी में भी एक बच्ची ने दम तोड़ दिया. उनके जाने के बाद भी 9 बच्चों के निधन की खबर आई, जिससे मरने वालों की संख्या 93 पहुंच गई है.

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बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से प्रभावित जिलों के चिकित्सकों, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक महकमें के अधिकारियों को इस जानलेवा बन चुकी इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. नीतीश ने मरने वाले बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी.

भीषण गर्मी या विषैली लीची, क्या है मौतों की वजह

चमकी बुखार के कहर से मासूम बच्चों की मौत की वजह को लेकर क्षेत्र में कई तरह की चर्चा है. कोई विषैली लीची के सेवन, तो कोई भीषण गर्मी को वजह बता रहा है. हालांकि चिकित्सकों या किसी जिम्मेदार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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