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बिहार: मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की गई जान

बिहार में शराबबंदी है. इस वजह से वहां पर स्थानीय स्तर पर धड़ल्ले से शराब बनाई जा रही है. आरोप है कि इसी वजह से लोगों की जानें जा रही हैं. मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है. 

जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की गई जान (सांकेतिक फोटो) जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की गई जान (सांकेतिक फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 20 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST
  • मुजफ्फरपुर में पांच लोगों की गई जान
  • जहरीली शराब पीने से जान जाने की आशंका

मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के दरगाह टोला में जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गई है. परिजनों ने शराब पीने की पुष्टि की है. मरने वालों में 4 लोग दलित परिवार से हैं. इससे पहले गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत होने की बात कही गई थी, जबकि दो लोगों के आंखों की जाने की खबर मिली थी. हालांकि दोनों मृतकों के शव का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के ही कर दिया गया. 

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जाहिर है बिहार में शराबबंदी है. इस वजह से वहां पर स्थानीय स्तर पर धड़ल्ले से शराब बनाई जा रही है. आरोप है कि इसी वजह से लोगों की जानें जा रही हैं. मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है. 

बिहार पुलिस में पुलिस अधीक्षक (मध निषेध) राकेश कुमार सिन्हा ने 6 जनवरी 2021 को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक (रेलवे) से कहा था कि वह मध निषेध विभाग के अधिकारियों की चल और अचल संपत्ति की जांच करें. राकेश कुमार सिन्हा ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी मद्य निषेध विभाग के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और पुलिस के शराब माफिया के साथ साठगांठ करके अवैध तरीके से शराब खरीद फरोख्त का धंधा चला रहे हैं.

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राकेश कुमार सिन्हा ने पत्र में लिखा, “बिहार के सभी थाना क्षेत्र में चोरी-छिपे उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक एवं आरक्षी को बढ़ावा देकर लोग शराब खरीद बिक्री का धंधा कर रहे हैं और इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होने के वजह से प्रशासन बिहार सरकार द्वारा प्रतिबंधित शराब खरीद बिक्री पर कानून का खुले रूप से मजाक उड़ा रहे हैं”. 

उन्होंने आगे लिखा, “बिहार के उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक और आरक्षी के रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्तियों का जांच कराई जाए तो इन लोगों द्वारा गुमनाम कितनी संपत्ति अर्जित की गई है, इससे सरकारी महकमे में हलचल मच जाएगी”.

बिहार चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे ने नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून में संशोधन करने की अपील की थी, क्योंकि इससे राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. झारखंड से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में लिखा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं. बीजेपी सांसद ने कहा था कि इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.

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