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Modi Cabinet Expansion: पशुपति पारस और RCP सिंह का मंत्री बनना तय, जानें क्यों मिलेगी जगह?

मोदी कैबिनेट में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस (Pashupati Paras) का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.

पशुपति पारस और आरसीपी सिंह का मंत्री बनना तय है. (फाइल फोटो) पशुपति पारस और आरसीपी सिंह का मंत्री बनना तय है. (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST
  • दलित नेता हैं पशुपति पारस
  • नीतीश के करीबी हैं RCP सिंह

मोदी सरकार की कैबिनेट (Cabinet Reshuffle) शाम तक बदल जाएगी. आज शाम 6 बजे मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में शामिल नए और पुराने मंत्री शपथ लेंगे. कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) में इस बार जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी शामिल होगी. नई कैबिनेट में जेडीयू कोटे से एक कैबिनेट मंत्री और तीन राज्य मंत्री बनाए जाएंगे.

मोदी कैबिनेट में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस (Pashupati Paras) का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आरसीपी सिंह और पशुपति पारस ही क्यों?

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पशुपति पारस ही क्यों?

बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद पशुपति पारस दलितों के नेता होने के साथ-साथ LJP के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के छोटे भाई हैं. 

पिछले साल रामविलास पासवान का निधन हो गया था और उसके बाद से ही मोदी कैबिनेट में LJP कोटे मंत्री पद थे. उनकी जगह चिराग पासवान (Chirag Paswan) का मंत्री बनने को तैयार थे, लेकिन ऐसा करके बीजेपी (BJP) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को नाराज नहीं करना चाहती थी, क्योंकि विधानसभा चुनाव में चिराग ने उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया था. 

ये भी पढ़ें-- Modi Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार से पहले वित्त मंत्रालय मजबूत, मिला एक और विभाग 

सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू ने ही पशुपति पारस को अपने भतीजे चिराग को बगावत करने के लिए उकसाया गया था. ये साफ है कि चिराग के खिलाफ बगावत करने और उन्हें मंत्री पद की रेस से बाहर करने के लिए ही पशुपति पारस को मंत्री पद से नवाजा गया है.

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बैकग्राउंडः पशुपति पारस हाजीपुर से लोकसभा सांसद हैं. वो नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 1977 में पशुपति पहली बार अलौली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. 2015 में वो विधानसभा चुनाव हार गए और विधान परिषद के सदस्य बनकर बिहार सरकार में मंत्री बने.

आरसीपी सिंह क्यों?

राम चंद्र प्रसाद सिंह पूर्व सरकारी अफसर रहे हैं और कुर्मी जाति से आते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कुर्मी हैं. आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के भरोसेमंद सिपहसालार माने जाते हैं. नीतीश कुमार ने पिछले साल दिसंबर में आरसीपी सिंह को JDU का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया था. आईएएस अफसर से राजनेता बने आरसीपी सिंह पहले जेडीयू के महासचिव थे.

बैकग्राउंडः यूपी कैडर के आईएएस अफसर आरसीपी सिंह बिहार के नालंदा जिले के मुस्तफापुर के रहने वाले हैं. वो 2010 से बिहार से राज्यसभा सांसद हैं.

 

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