
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस और भीड़ के बीच झड़प में एक नाबालिग के घायल होने की घटना का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय बाल आयोग ने मुंगेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से जवाब तलब किया है.
आयोग ने 26-27 अक्टूबर को हुई घटना में बच्चे के घायल होने को लेकर एसपी को 48 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. गौरतलब है कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल में गोलियां चलीं. इसमें एक शख्स की मौत हो गई. कई जख्मी हैं. पुलिस करीब 100 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
मुंगेर की घटना को लेकर विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर सवाल उठाए हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) प्रमुख चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि मुंगेर में फायरिंग और लाठीचार्ज की घटना के लिए जिम्मेदार कौन है? समाचार एजेंसी के अनुसार चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री अब जनरल डायर की भूमिका निभा रहे हैं जिन्होंने जलियांवाला हत्याकांड का आदेश दिया था. मुझे यकीन है कि सीएम घटना के लिए जिम्मेदार हैं, इसकी जांच होनी चाहिए.
विपक्ष ने उठाए सवाल
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की और बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए. यहां तक कि उन्होंने पुलिस को जनरल डायर की संज्ञा दे डाली. तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं वो क्या कर रहे थे. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस मामले में ट्वीट के अलावा क्या किया है?
रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग
तेजस्वी ने कहा कि मुंगेर पुलिस को जनरल डायर बनने की अनुमति किसने दी? आरजेडी नेता ने कहा कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी से पूछना चाहते हैं कि मुंगेर पुलिस को जनरल डायर बनने की अनुमति किसने दी?
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तेजस्वी यादव ने कहा कि मुंगेर में नौजवानों को पुलिस ने घेर-घेरकर पीटा है, बेकसूरों पर लाठियां बरसाई गई है. मुंगेर का वीडियो भयावह है. बिहार सरकार को बताना चाहिए कि पुलिस को क्रूरतापूर्वक लाठियां चलाने की अनुमति किसने दी. इस मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में रिटायर्ड जज से कराई जानी चाहिए.