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Bihar: आदमखोर बाघ का 8वां शिकार बना युवक, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने दी जान से मारने की इजाजत

बिहार के बगहा में बाघ का आंतक अब खत्म नहीं हो रहा है. शुक्रवार सुबह बाघ ने एक और युवक को अपना शिकार बनाया है. इंसानों पर बीते छह महीने में उसका यह आठवां हमला था. युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ. इसे देखते हुए National tiger conservation authority ने आदमखोर बाघ को जान से मारने की इजाजत दे दी है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • बगहा,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

बिहार (Bihar) के पश्चिमी चंपारण में बसे बगहा (Bagaha) में शुक्रवार को बाघ ने एक और युवक को अपना शिकार बनाया लिया. घटना के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने बड़ा फैसला लेते हुए आदमखोर बाघ को जान से मारने की अनुमति दे दी है.

इस बाघ ने बीते छह महीने में आठ लोगों पर हमला किया है. इनमें से सात की मौत हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति आजीवन के लिए लाचार हो गया है. बाघ ने बीते दो दिनों में दो लोगों को पर हमला किया है. आदमखोर बाघ का खौफ लोगों के दिल में घर कर गया है. वे अपने घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं. देखें वीडियो:-

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दूसरे बाघ के इलाके में आ गया है, अब लौट नहीं पा रहा जंगल 

बीते 25 दिनों से बगहा के जंगलों में बाघ की तलाश में वन विभाग की टीम जुटी हुई है. टीम में बिहार वन विभाग के सीनियर अधिकारियों सहित दूसरे एक्सपर्ट भी शामिल हैं. उनका कहना है कि बाघ किसी दूसरे बाघ की टेरेटरी में आ गया है. इसके कारण वो जंगल में नहीं जा पा रहा है. गांवों के आस-पास घूमता रहता है और लोगों को अपना शिकार बना रहा है.

35 साल के संजय महतो की मौत 

बता दें कि, आज यानि शुक्रवार सुबह गोबर्धना थाना क्षेत्र के डुमरी में 35 वर्षीय संजय महतो को बाघ ने अपना शिकार बना लिया. हरहिया सरेह में बाघ ने संजय पर हमले किया, जिसमें उसकी मौत हो गई. गुरुवार को भी बाघ ने 12 साल की बगड़ी कुमारी पर हमला किया था. हमले के दौरान वो अपने घर में सो रही थी. 

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लोगों का सब्र टूटा, किया पथराव   

अब लोगों के सब्र का बांध टूट गया है. बाघ के हमले के चलते ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. आक्रोशित लोगों ने वन क्षेत्र कार्यालय पर धावा बोल कर पथराव किया था. सरकारी वाहनों में भी तोड़फोड़ की. उन्होंने मांग में की है कि या तो वन विभाग बाघ को पकड़े या फिर उसे मार गिराए. यदि वो ऐसा नहीं कर सकता हैं, तो हमें बाघ को मारने की अनुमति दें.

यह भी बता दें कि जिन जगहों पर बाघ लोगों पर हमला कर रहा है, वह पूरा इलाका आदिवासी उरांव और थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. इनका जीवन यापन मुख्यरूप से जंगल पर ही निर्भर है. जंगल में लोगों का आना-जाना रोज का है. इस दौरान बाघ घात लगाकर लोगों को अपना शिकार बना लेता है.

आदमखोर बाघ के हमले का शिकार बने लोग

- 08 मई को अविनाश कुमार बैरिया कला हरनाटांड़
- 14 मई को जिमरी, नौतनवा सेमरा थाना
- 20 मई को पार्वती देवी, कटाह पुरैना, चिउटहां थाना
- 14 जुलाई धर्मराज काजी, बैरिया कला हरनाटांड़
- 12 सितंबर गुलाबी देवी, बैरिया कला हरनाटांड़
- 21 सितंबर रामप्रसाद उरांव, बैरिया कला सरेह में हरनाटांड़
- 06 अक्टूबर को बगड़ी कुमारी, सिगाही गांव
- 07 अक्टूबर को संजय महतो, डुमरी थाना गोबर्धना

(रिपोर्ट- गिरिन्द्र कुमार पांडेय)

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