Advertisement

NDA की बैठक में बिहार से शामिल होंगी ये पार्टियां, पारस और चिराग के बीच सुलह करा पाएगी BJP?

एनडीए की बैठक में शामिल होने का न्योता मिलने के साथ ये तय हो गया है कि चिराग़ पासवान अब बीजेपी के गठबंधन का हिस्सा होंगे. चिराग़ की चाचा पशुपति पारस की पार्टी RLJP पहले से ही एनडीए का हिस्सा है और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पारस केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं. 

जेपी नड्डा और चिराग पासवान-(फोटो जेपी नड्डा के ट्विटर हैंडल से साभार) जेपी नड्डा और चिराग पासवान-(फोटो जेपी नड्डा के ट्विटर हैंडल से साभार)
शशि भूषण कुमार
  • पटना,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 4:12 AM IST

भारतीय जनता पार्टी ने 18 जुलाई को दिल्ली में अपने सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है. एनडीए की इस मीटिंग में शामिल होने के लिए बिहार से आने वाले नये साथियों को भी न्योता भेजा गया है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद चिराग़ पासवान पहली बार एनडीए की बैठक में शामिल होंगे. महागठबंधन छोड़ने के बाद जीतन राम मांझी की पार्टी 'HAM' भी एनडीए में शामिल हो चुकी है और दिल्ली वाली बैठक में HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन के साथ मौजूद रहेंगे. उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का भी एनडीए में शामिल होना तय है और कुशवाहा भी एनडीए की मीटिंग में शामिल होंगे.

Advertisement

बिहार में बड़ा हुआ NDA का कुनबा
बीते साल अगस्त महीने में नीतीश कुमार ने जब एनडीए से बाहर जाने का फ़ैसला किया था तब जेडीयू के साथ HAM भी एनडीए से अलग जाकर महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी. बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव के बाद बीजेपी के साथ बिहार में केवल पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ही सहयोगी के तौर पर बची थी, लेकिन अब एक बार फिर से एनडीए का कुनबा बिहार में बढ़ा है. 

बीजेपी के साथ बिहार में अब पारस की RLJP के अलावा चिराग़ पासवान की LJPR और मांझी की HAM भी हिस्सा बन चुकी है. उपेन्द्र कुशवाह ने जिस RLJD का गठन जेडीयू से अलग होने के बाद किया वो भी एनडीए के साथ जाने वाली है. मतलब ये कि पशुपति पारस, चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन और उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए कि बैठक में शामिल होंगे. बिहार में फ़िलहाल 4 पार्टियां ऐसी हैं जिन्हें बीजेपी के साथ माना जा रहा है.

Advertisement

चाचा-भतीजे का विवाद सुलझाएगी बीजेपी?
एनडीए की बैठक में शामिल होने का न्योता मिलने के साथ ये तय हो गया है कि चिराग़ पासवान अब बीजेपी के गठबंधन का हिस्सा होंगे. चिराग़ की चाचा पशुपति पारस की पार्टी RLJP पहले से ही एनडीए का हिस्सा है और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पारस केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं. 

चिराग़ की भले ही एनडीए में वापसी हो रही हो लेकिन चाचा और भतीजे के बीच अभी भी हाजीपुर लोकसभा सीट पर जिच बनी हुई है. परास हाजीपुर से सांसद है और वो किसी क़ीमत पर इस सीट को नहीं छोड़ने चाहते. वहीं दूसरी तरफ़ चिराग़ भी खूँटा गाड़े बैठे हैं अगला चुनाव वो हाजीपुर से ही लड़ेंगे. पारस और चिराग़ के बीच हाजीपुर पर घमासान है और बीजेपी के लिए दोनों के बीच सहमति बनाना भी बड़ी चुनौती है. 

चर्चा इस बात की भी है चिराग़ पासवान अपनी पार्टी के लिए अगले लोकसभा चुनाव में 6 सीट चाहते हैं, चिराग़ की इस मांग पर बीजेपी कितना तैयार है ये देखना भी दिलचस्प होगा. पशुपति पारस ने बैठक से ठीक पहले ये ऐलान किया है की हाजीपुर से वो अगला चुनाव भी लड़ेंगे और केंद्रीय कैबिनेट में शामिल भी होंगे.

मांझी और कुशवाहा का एडजस्टमेंट!
नीतीश का साथ छोड़ने के बाद जीतन राम मांझी अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं. मांझी के बेटे संतोष सुमन हम के अध्यक्ष हैं और वो अपने पिता के साथ एनडीए की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. संतोष सुमन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि एनडीए में उनकी पार्टी को सम्मान मिलेगा और आगामी लोकसभा चुनाव में हम को इतनी सीटों पर चुनाव लड़ने को मिलेगा की उनकी पार्टी रिकोग्नाइज हो जाएगी. 

Advertisement

संतोष सुमन के मुताबिक़ एनडीए में सब कुछ तय है और केवल सीट बँटवारे पर बात फ़ाइनल होनी है. सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है की हम दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. बात उपेन्द्र कुशवाहा की RLJD की करें तो एनडीए के साथ उनका जाना भी तय है. कुशवाहा को कल की बैठक में शामिल होने का न्योता मिल चुका है. कुशवाहा ने कह दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के टक्कर में कोई नहीं है. मुकेश सहनी की वीआईपी क्या एनडीए के साथ जाएगी इसे लेकर भी अब तक तस्वीर साफ़ नहीं है. 

मुकेश सहनी को एनडीए की बैठक में शामिल होने का न्योता भी अब तक नहीं मिला है. सहनी ने यूपी विधानसभा चुनाव में पहले जो रुख़ अपनाया था उसे शायद बीजेपी अब तक नहीं भूली है. आपको याद दिला दें कि मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले योगी सरकार को चुनौती दी थी. तब सहनी ने यूपी चुनाव में अपने दम पर उतरने का ऐलान किया था. सहनी की वीआईपी यूपी में फूलन देवी की प्रतिमा लगाने का ऐलान कर जब मैदान में आयी तो बीजेपी ने उसे बिहार में झटका दे दिया. बीजेपी ने बिहार के अंदर सत्ता में रहते पहले मुकेश सहनी को राज्य कैबिनेट से बाहर किया और उसके बाद वीआईपी के चार विधायकों को भी बीजेपी में शामिल करा लिया. 

Advertisement

बिहार विधानसभा में मुकेश सहनी की पार्टी का सफ़ाया हो गया. अब मुकेश सहनी ऐसी जगह खड़े हैं जहां से एनडीए में वापसी आसान नहीं है. ख़ुद मुकेश सहनी की पार्टी के नेता ये बता रहे हैं कि 25 जुलाई को पटना में बुलाई गई एक बड़ी बैठक के बाद उनके नेता भविष्य की राजनीति को लेकर ऐलान करेंगे. एक तरफ़ बेंगलुरु में विपक्षी एकजुटता बैठक और दूसरी तरफ़ दिल्ली में एनडीए की बैठक में नये साथियों का शामिल होना आने वाले वक़्त में बिहार की सियासत को और गरमायेगा.
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement