
बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है. इससे पहले जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर से साफ कर दिया कि नीतीश कुमार पीएम पद के दावेदार नहीं होंगे. इस बयान के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि ना किसी को पीएम बनना है और ना किसी को सीएम बनना है. हम लोगों का एक मात्र लक्ष्य है कि जो लोग देश का संविधान बदलना चाहते हैं, इतिहास बदलना चाहते हैं दंगा-फसाद करना चाहते हैं, उसके खिलाफ हमें अपनी लड़ाई जारी रखनी है.
हाल ही में सम्राट चौधरी द्वारा राहुल गांधी की तुलना ओसामा बिन लादेन से करने के बयान पर तेजस्वी ने कहा इन लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है. किसी का चरित्र हनन करने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जा सकते है. किसी को कुछ भी कह सकते हैं. बीजेपी की अभी कर्नाटक में हार हुई है, इससे पहले हिमाचल में भी बीजेपी हारी है, और आगे भी कई राज्यों में बीजेपी की हार होनी है. उन लोगों को जो कहना है कहें, लेकिन हम तो जनता के मन की बात करेंगे.
बिहार में हाल ही में पुल गिरने की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि IIT रुड़की की टीम आई थी. जांच चल रही है, जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पुल गिरने के बाद इस्तीफे की मांग कर रहे थे, लेकिन जब पहली बार पुल गिरा तो वो लोग क्या कर रहे थे?
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह 'ललन' ने रविवार को पार्टी के मुख्यालय में कहा कि कुल मिलाकर 18 दलों के नेता बैठक में भाग लेने के लिए सहमत हुए हैं. नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी आने के लिए सहमत हो गए हैं. इससे पहले, ललन ने कहा था कि जिन नेताओं ने अपनी सहमति दी थी, उनमें कांग्रेस से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा अरविंद केजरीवाल (आप), ममता बनर्जी (टीएमसी), एम के स्टालिन (डीएमके), हेमंत सोरेन (झामुमो), शरद पवार (एनसीपी) अखिलेश यादव (सपा) और उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) शामिल हैं.
वहीं, जेडीयू कार्यकर्ताओं ने "नीतीश फॉर पीएम" के नारे लगाए. इस पर ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद को पीएम की दौड़ से बाहर कर लिया है. इस बारे में वह कई बार खुलकर बोल भी चुके हैं. ललन ने कहा कि इस तरह के नारे विपक्षी एकता बनाने के उनके प्रयासों के लिए अच्छा नहीं होगा. याद रखें कि उन्होंने भाजपा को हराने की प्रतिज्ञा के साथ पिछले साल अगस्त में एनडीए छोड़ दिया था.
(रिपोर्ट- सुजीत गुप्ता)