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बिहार: NHRC का बिहार सरकार को नोटिस, कांग्रेस नेता ने केंद्र पर लगाए एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप

बिहार में जहरीली शराब पीेने से कई लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में एनएचआरसी की ओर से नोटिस जारी हुआ है. इसी नोटिस पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस MLC प्रेमचंद्र मिश्रा ने भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

बिहार सरकार को मिला नोटिस तो गुस्साए कांग्रेस नेता बिहार सरकार को मिला नोटिस तो गुस्साए कांग्रेस नेता
aajtak.in
  • पटना,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

बिहार में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की तरह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का 'दुरुपयोग' किया जा रहा है. राज्य में कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' की सहयोगी है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने जहरीली शराब त्रासदी को लेकर घिरी सरकार के बचाव में यह बात कही. नीतीश कुमार सरकार को हाल ही में एनएचआरसी की ओर से नोटिस जारी हुआ है. इसी नोटिस पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेता ने संस्थाओं के दुरुपयोग का यह आरोप लगाया.

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मिश्रा ने पूछा, 'क्या NHRC वास्तव में यह मानता है कि जहरीली शराब से होने वाली मौतों को मानवाधिकारों का उल्लंघन माना जाता है? यदि ऐसा है, तो आयोग ने कार्रवाई क्यों नहीं की, जब इसी तरह की घटनाएं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों में हुई हैं?' 

'गैरकानूनी काम करते हुए हुई है लोगों की मौत'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'बिहार में शराब की बिक्री और सेवन अवैध है. इसलिए जो लोग मरे हैं, उन्होंने एक गैरकानूनी काम करते हुए अपनी जान गंवाई, चाहे उनकी मौत कितनी भी दुखद क्यों न हो. बिहार में सरकार शराबबंदी को लागू करने के लिए अवैध भट्टियों पर कार्रवाई जैसे प्रयास कर रही है.' 

'NHRC को इन मामलों में नहीं देना चाहिए दखल'

अधिकारियों के अनुसार, बिहार की इस घटना में 30 लोगों की मौत हुई है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वालों की संख्या 70 से भी ज्यादा है. मिश्रा ने कहा कि इन मामलों में, एनएचआरसी को काम करने से बचना चाहिए. ऐसा लगता है जैसे कि वह भी सीबीआई और ईडी की तरह राजनीतिक शक्ति के हाथों में एक उपकरण बन गया है. आगे उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भी राजनीतिक स्कोर तय करने के लिए वैधानिक निकायों का दुरुपयोग करने से बचना चाहिए.

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अब विपक्ष को एकजुट करने में जुटी JDU

बता दें कि भाजपा अगस्त महीने में बिहार की सत्ता से बाहर हो गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे नाता तोड़ लिया था. तब आरोप लगे थे कि भाजपा उनकी जद (यू) में फूट डालने की कोशिश कर रही थी. तब से JDU के नेता 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए 'एकजुट विपक्ष' की पुरजोर वकालत कर रहे हैं.

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