Advertisement

Bihar: जहरीली शराब से मौत पर बैकफुट पर नीतीश सरकार, मंत्री की सफाई से भड़के विपक्षी नेता

तीन दिन में 11 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है, जबकि 35 लोगों की हालत गंभीर है. उन्हें छपरा से लेकर पटना तक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. घटना में 15 लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं.

nitish kumar bihar nitish kumar bihar
सुजीत झा
  • पटना,
  • 05 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 8:31 PM IST

बिहार (Bihar) में पूर्ण शराबबंदी महज मजाक बनकर रह गई है. इसका ताजा प्रमाण छपरा (Chhapra Toxic Liquor Deaths) में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद मिलता है. दरअसल, बुधवार रात से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा. तीन दिन में 11 लोग काल के गाल में समा गए और 35 लोगों की हालत गंभीर है. उन्हें छपरा से लेकर पटना तक के अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है. घटना में 15 लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं. मौत की घटना के बाद पहली बार सरकार के मंत्री ने सफाई दी है. वहीं विपक्ष सहित जन अधिकार पार्टी के मुखिया पपू यादव सरकार पर हमलावर हैं.

Advertisement

जदयू के जनता दरबार में बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि छपरा में जहरीली शराब मामले में सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है. इसमें जिन-जिन पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत है, सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिस इलाके में यह घटना घटी, वहां के पुलिस अधिकारियों को पहले से क्यों नहीं पता चला. इस दौरान मंत्री पुलिसवालों पर आक्रोशित दिखे. 

वहीं जहानाबाद पहुंचे राजद नेता भाई विरेंद्र ने बिहार सरकार पर शराब से  हुई मौत पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल्योर है और राजद इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरेगी. हम जनता के मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे. उन्होंने शराबबंदी के मामले में बिहार सरकार पर नौटंकी करने का आरोप लगाया और कहा कि शराबबंदी पूरी तरह फेल है.

Advertisement

वहीं जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने पीएमसीएच पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की. वहां उन्हें मृतक के परिजनों के लिए सरकार से मुआवजे के साथ-साथ सरकारी नौकरी की भी मांग की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक तंत्र की विफलता के कारण आज सात लोगों की मौत हुई है. पांच लोगों की स्थिति गंभीर है. 

पप्पू यादव ने इन मौतों के लिए शराब माफिया को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि शराब माफियाओं को सत्ता पक्ष और विपक्ष का संरक्षण प्राप्त है. साथ ही इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत है. इस वजह से प्रदेश में शराबबंदी सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है. 

वहीं घटना के बाद छपरा में शराब को लेकर तलाशी अभियान चलाई जा रही है. जिसमें भारी मात्रा में देसी शराब को जब्त कर नष्ट किया गया है. मशरक थाना और एएलटीएफ टीम ने सेमरी मुसहर टोली में अभियान चलाकर दो हजार महुआ फास नष्ट किया, जो शराब बनाने को रखा गया था. हालांकि इस अभियान के दौरान अवैध शराब बनाने वाले भागने में सफल रहे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement