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दाता से याचक बने नीतीश कुमार, अब डीजीपी भी नहीं सुनते उनकी बात: प्रेमचंद मिश्रा

कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा का कहना है कि बिहार में कोई कानून व्यवस्था नहीं है यहां अपराधियों का शासन है. उन्होंने कहा कि यहां अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है और निश्चित रूप से नीतीश कुमार बिल्कुल असहाय बन गए हैं.

नीतीश कुमार (फाइल फोटो) नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
परमीता शर्मा/सुजीत झा
  • पटना,
  • 11 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST

बिहार में लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना हो रही है और उनके सुशासन पर सवाल उठाये जा रहे हैं. पिछले तीन दिनों में तीन जिलों में हुई मॉब लिंचिंग हुई. बेगुसराय में तीन लोगों तथा सीतामढ़ी और सासाराम में एक- एक व्यक्ति की भीड़ ने हत्या कर दी. विपक्ष इन घटनाओं को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है तो सत्ताधारी दल का कहना है कि ऐसी घटनाओं के पीछे आरजेडी का हाथ है.

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कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा का कहना है कि बिहार में कोई कानून व्यवस्था नहीं है यहां अपराधियों का शासन है. उन्होंने कहा कि यहां अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है और निश्चित रूप से नीतीश कुमार बिल्कुल असहाय बन गए हैं, लगता ही नहीं कि यह वही नीतीश कुमार है जिनका राज्य में यूएसपी हुआ करता था. प्रेमचंद बोले कि रूल ऑफ लॉ मैं समझता हूं, नीतीश कुमार इसमें फेल हो गए हैं.

उन्होंने कहा कि पहले जब नीतीश बीजेपी के साथ थे तो वह लीडर थे और भारतीय जनता पार्टी उनकी बात सुनती थी और अब जब दोबारा वह बीजेपी के साथ आए हैं तो नीतीश कुमार याचक बन गए हैं. दाता से याचक बने नीतीश कुमार लाचार मुख्यमंत्री हैं और वो कुछ नहीं कर पा रहे हैं, डीजीपी भी उनकी बात नहीं सुनते. वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी जेडीयू इस तरह की घटनाओं पर जवाब देते थक गई है और उसका कहना है कि पुलिस 24 घंटे हर जगह नजर नहीं रख सकती, ऐसे में आम जनता को जागरुक करने की जरूरत हैं.

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जेडीयू ने बताया RJD की साजिश

साथ ही जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक इन घटनाओं के लिए सीधे तौर पर आरजेडी को जिम्मेदार ठहराते हैं. उनका आरोप है कि पिछले 7 महीने में जितनी भी घटनाएं घटी हैं खासकर वीडियो वायरल करने की घटना जिसमें बिहियां में युवती को निर्वस्त्र करके घुमाया गया इन सब घटनाओं के पीछे आरजेडी है. इन घटनाओं में शामिल कोई आरजेडी का प्रखंड अध्यक्ष निकलता है तो कोई आरजेडी का जिलाध्यक्ष या फिर कोई आरजेडी का कार्यकर्ता होता है. अजय आलोक ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से करवाया जा रहा है.

नीतीश कुमार के गांव के लोग ही है अफसरशाही से परेशान

बिहार में पुलिस प्रशासन किस तरीके से काम कर रहा है यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद उनके गांव के लोगों ने ही बताया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा के सैकडों लोग पटना में मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. उन लोगों की शिकायत थी कि पुलिस उनकी नहीं सुनती. इन लोगों में स्थानीय पुलिस और अफसरशाही के रवैये को लेकर भारी आक्रोश था.

दरअसल पिछले दिनों नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में एक ट्रैक्टर की चोरी हो गया था जिसकी शिकायत गांव के लोगों ने पुलिस से की. हफ्ता भर बीत जाने के बाद भी पुलिस जब हाथ पर हाथ धरे बैठी रही तो गांव वालों ने नालंदा जिले के आलाधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन फिर भी कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद कल्याण बिगहा के ग्रामीणों का सब्र टूट गया. नाराज गांव वाले एक बस पर सवार होकर मंगलवार को मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय पहुंच गए और अपनी नाराजगी जाहिर की. कुछ अधिकारियों ने उनकी समस्या जानी.

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