
बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की डिमांड हो रही है. नीतीश के यूपी से चुनाव लड़ने की मांग कोई और नहीं बल्कि उनकी ही पार्टी जनता दल यूनाइटेड के नेता और कार्यकर्ता कर रहे हैं.
दरअसल यूपी जेडीयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नीतीश को यूपी की 3 लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. यूपी जेडीयू के कार्यकर्ता लगातार यह मांग कर रहे हैं. इस बात की जानकारी खुद जेडीयू के उत्तर प्रदेश प्रभारी और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने दी है.
बिहार सरकार के मंत्री और उत्तर प्रदेश में जेडीयू के प्रभारी के तौर पर काम करने वाले श्रवण कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार को यूपी से चुनाव लड़ाने की लगातार मांग हो रही है. उत्तर प्रदेश से आने वाले पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस बात की मांग कर रहे हैं कि नीतीश कुमार लोकसभा का अगला चुनाव यूपी से लड़े.
मंत्री श्रवण कुमार के मुताबिक उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट के अलावे फतेहपुर और प्रतापगढ़ लोकसभा सीटों से भी नीतीश कुमार को चुनाव लड़ने के लिए मांग उठ रही है. हालांकि इस पर फैसला अभी पार्टी को करना है. श्रवण कुमार के मुताबिक बिहार में नीतीश कुमार ने जिस तरह काम किया है उससे यूपी के लोग खासे उत्साहित हैं और नीतीश कुमार की डिमांड यूपी में भी हो रही है.
मुंबई मीटिंग के पहले चर्चा क्यों?
ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग पहली बार उठी हो. इसके पहले भी यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की मांग उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कर चुके हैं. लेकिन इस बार केवल फूलपुर ही नहीं 2 और लोकसभा सीटों से भी उनके चुनाव लड़ने की मांग उठ रही है.
जेडीयू के अंदर से उठ रही इस मांग की टाइमिंग को लेकर भी सियासी गलियारे में चर्चा हो रही है. विपक्षी एकजुटता की मुहिम में लगे नीतीश कुमार INDIA गठबंधन की दो बैठकों में शामिल हो चुके हैं. पटना और बेंगलुरु की बैठक में नीतीश कुमार को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिली. पटना में नीतीश मेजबान की भूमिका में थे, लेकिन बेंगलुरु में बैठक के बाद वह साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी दूर रहे. यह खबरें आई कि नीतीश कुमार गठबंधन के INDIA नाम से सहमत नहीं थे. हालांकि नीतीश कुमार ने खुद इन बातों को खारिज किया.
अब मुंबई की बैठक के पहले नीतीश कुमार के यूपी से चुनाव लड़ने की मांग को राजनीतिक जानकार अलग नजरिए से देख रहे हैं. सियासी गलियारे में यह चर्चा भी है कि नीतीश कुमार यूपी में अपना असर दिखाकर विपक्ष के दूसरे सहयोगी दलों पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हों. यह मैसेज देने का भी प्रयास हो सकता है कि नीतीश कुमार बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर ही असर नहीं रखते बल्कि यूपी में भी उनकी डिमांड है.
19 साल से नहीं लड़ा चुनाव
नीतीश कुमार पिछले 18 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. बीच के अरसे में जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री बनाए जाने वाले समय को छोड़ दिया जाए तो नीतीश बिहार की कमान संभालते रहे हैं, लेकिन उन्होंने पिछले 19 साल से कोई भी चुनाव नहीं लड़ा. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन उन्होंने कभी विधानसभा का चुनाव सीएम रहते नहीं लड़ा.
2004 में लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद नीतीश कुमार कभी चुनावी मैदान में नहीं उतरे. वह लगातार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठना भी लाजमी है कि क्या 2024 के मिशन पर निकले नीतीश कुमार लोकसभा का अगला चुनाव वाकई लड़ने का मन बना रहे हैं? अब तक के नीतीश और उनकी पार्टी ऐसी बातें का गोलमोल जवाब देते रहे हैं. श्रवण कुमार ने यूपी से नीतीश के चुनाव लड़ने की डिमांड वाली बात कह दी लेकिन साथ ही साथ यह भी कह दिया है कि फैसला पार्टी को करना है.
बीजेपी ने दी नीतीश को चुनौती
एक तरफ जहां जेडीयू यूपी में नीतीश की डिमांड बता रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नीतीश को सीधे चुनौती देने के लिए सामने आ गई है. बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार को बिहार की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नीतीश कुमार में हिम्मत है तो वह अपने गृह जिले नालंदा से ही चुनाव लड़ कर देख लें, नीतीश की हार तय है.
विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक नीतीश कुमार की गलत नीतियों की वजह से बिहार की जनता उन्हें बुरी तरह हरा देगी. मुंबई में विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक के ठीक पहले नीतीश के लोकसभा चुनाव लड़ने की जो चर्चा शुरू हुई है वह आगे आने वाले दिनों में और ज्यादा गरम होती है तो बहुत अचरज नहीं होगा.