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अंतरात्मा की आवाज सुनी और इस्तीफा दे दिया...पढ़ें, इस्तीफे के बाद नीतीश का पूरा बयान

नीतीश कुमार ने आगे कहा ''हमने अपनी राजनीति से कभी समझौता नहीं किया. मेरे मन में बहुत दिनों से ये बात चल रही थी कि कोई रास्ता निकल जाए. राहुल जी से भी हमारी बात हुई, उन्होंने ऑर्डिनेंस फाड़ा था. बिहार कांग्रेस के नेताओं से भी बात हुई.''

नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद से इस्तीफा दिया नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद से इस्तीफा दिया
जावेद अख़्तर
  • पटना,
  • 26 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. जेडीयू विधायक दल की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को अपना त्यागपत्र सौंपा. इस्तीफा देने के बाद राजभवन से बाहर निकलकर नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने की वजह बताई.

इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने ये कहा...

मैंने महामहिम से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है. हमने 20 महीने तक गठबंधन की सरकार चलाई है.  हमसे जितना मुमकिन हुआ, उतना गठबंधन धर्म को निभाया. हमने चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए उन पर काम करने की हर मुमकिन कोशिश की. लगातार बिहार के लिए काम किया. बिहार में शराबबंदी जैसा सामाजिक फैसला किया. पिछली सरकार में विकास के जो कार्य चल रहे थे, उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया.

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मौजूदा हालात में जो माहौल बन गया था, उसमें मेरे लिए काम करना मुश्किल हो गया था. हमने कभी किसी से इस्तीफा नहीं मांगा. जो आरोप लगे उस पर लालू जी से भी बात की, हम तेजस्वी से भी मिले. हमने उनसे कहा कि जो भी चल रहा है उस पर स्पष्टीकरण दें, जनता के सामने आकर सफाई दें, लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया.

राहुल गांधी से भी बात की-नीतीश

नीतीश कुमार ने आगे कहा ''हमने अपनी राजनीति से कभी समझौता नहीं किया. मेरे मन में बहुत दिनों से ये बात चल रही थी कि कोई रास्ता निकल जाए. राहुल जी से भी हमारी बात हुई, उन्होंने ऑर्डिनेंस फाड़ा था. बिहार कांग्रेस के नेताओं से भी बात हुई.''

इसके आगे नीतीश कुमार ने कहा ''आरजेडी के प्रति कोई संवेदनहीनता नहीं थी. उनकी तरफ से कहा गया कि ये संकट है. मगर ये संकट नहीं, आरोप था. आरोप पर अगर कुछ स्पष्ट कर देते तो हमें भी कोई आधार मिलता. मगर इतने दिनों बाद भी उनकी तरफ से कुछ नहीं बोला गया.''

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गठबंधन पर आगे नीतीश बोले ''जितना हो सकता था, जब तक चला सकते थे, हमने महागठबंधन चलाया. मेरे काम करने का जो तरीका है, उसके अनुरूप अब कुछ बचा नहीं था. मैंने कौन सा प्रयास नहीं किया.''

नीतीश ने फिर बोला ''हमने नोटबंदी का समर्थन के साथ बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई की भी वकालत की. हम हमेशा गांधी जी का उदाहरण देते हैं. मैंने हमेशा कहा कि गलत तरीके से धन-संपत्ति अर्जित करना ठीक नहीं है. मैं कहता हूं कि कफन में कोई जेब नहीं होती.''

विपक्षी एकता पर नीतीश ने कहा ''हमने विपक्षा एकता के साथ हैं, मगर कोई एजेंडा तो हो. राष्ट्रपति चुनाव में हमने रामनाथ कोविंद का समर्थन किया, वो बिहार के राज्यपाल रहे हैं, उसके बाद हमारे ऊपर जाने क्या-क्या आरोप लगाए गए. हमारी और उनकी सोच का दायरा भी अलग है. इसलिए मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और अपना त्यागपत्र दे दिया. हम कोई विवाद नहीं करना चाहते, लेकिन जब कोई रास्ता नहीं निकला तो ऐसा करना पड़ा.''

इस्तीफे से पहले लालू को सूचित किया-नीतीश

राजभवन से निकलने के बाद नीतीश कुमार ने ये भी बताया कि इस्तीफा देने से पहले उन्होंने लालू यादव से बात की और उन्हें इस संबंध में सूचित किया. नीतीश ने बताया कि बिहार कांग्रेस के नेताओं को भी पहले ही जानकारी दे दी गई थी.

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वहीं बीजेपी से समर्थन के सवाल पर नीतीश कुमार ने बताया कि अभी जो होना था हो गया, देखते रहिए आगे क्या होता है.

बता दें कि लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम हैं. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. जिसके बाद जेडीयू समेत विपक्षी दलों ने तेजस्वी के इस्तीफे की मांग की. मगर तेजस्वी अपनी कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं हुए, जिसके बाद बुधवार शाम पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया.

 

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