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प्रदूषित शहरों में 5वें नंबर पर पटना, अब नीतीश सरकार ने उठाया यह कदम

इस महत्वपूर्ण बैठक में पटना में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए फैसला लिया गया कि सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किया जाएगा तथा नियमित रूप से वाहनों की प्रदूषण जांच की जाएगी.

नीतीश कुमार नीतीश कुमार
अजीत तिवारी/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 मई 2018,
  • अपडेटेड 7:47 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बिहार की राजधानी पटना को दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर घोषित किए जाने के बाद बिहार सरकार हरकत में आ गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक की.

इस महत्वपूर्ण बैठक में पटना में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए फैसला लिया गया कि सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किया जाएगा तथा नियमित रूप से वाहनों की प्रदूषण जांच की जाएगी.

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बैठक की अध्यक्षता कर रहे सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पटना में वाहनों को CNG से चलाने की व्यवस्था की जा रही है जिसके पहले चरण में बसों को शामिल किया जाएगा. मोदी ने कहा कि 15 वर्षों से पुराने वाहनों के परिचालन को नियंत्रित किया जाएगा तथा फिटनेस जांच में खड़े नहीं उतरने वाले वाहनों को परमिट नहीं दिया जाएगा.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में सड़कों के किनारे विभिन्न पुलों के खंभों के पास और गंगा नदी के किनारे जलजमाव वाले क्षेत्रों में इस वित्तीय वर्ष में 10000 पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन भवनों और पुलों से उड़ने वाले धूल कणों को रोकने के लिए उन्हें हरे चादर से ढकने के नियम को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया गया है. मोदी ने कहा कि अब से पटना में बालू और कचरे को ढककर ही उनकी धुलाई होगी.

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मोदी ने कहा कि सभी ईंट भट्टों को इस वर्ष के अगस्त महीने तक स्वच्छतर तकनीक में परिवर्तित करने का निर्देश दिया गया है और ऐसा नहीं करने वालों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा.

मोदी ने कहा कि पटना में प्रदूषण की स्थिति नियंत्रित है और इसके रोकथाम के लिए सरकार हर कदम उठा रही है. मोदी ने आम लोगों से भी अपील की कि वह प्रदूषण को रोकथाम में सरकार का सहयोग करें.

इस बैठक में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण एवं वन विभाग, परिवहन विभाग, उद्योग विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग के पदाधिकारी गण, पटना के जिलाधिकारी और पटना नगर निगम के आयुक्त मौजूद थे.

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