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नीतीश को PM बनाने वाली नारेबाजी से जेडीयू का परहेज, विपक्षी एकजुटता बैठक के पहले गरमाई सियासत

जेडीयू ऐसी किसी परिस्थिति को सामने नहीं लाना चाहता जिसमें नीतीश कुमार के समर्थन में नारेबाजी देखने को मिले. जेडीयू खुद कह रहा है कि नीतीश कुमार को पीएम बनाने वाले नारे अगर लगाए जाते हैं तो यह ठीक बात नहीं है. जेडीयू एक ऐसी पार्टी है जिसमें इस तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

नीतीश कुमार फाइल फोटो नीतीश कुमार फाइल फोटो
शशि भूषण कुमार
  • पटना,
  • 12 जून 2023,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

23 जून को बिहार में विपक्षी दलों की एकजुटता बैठक होनी है. नीतीश कुमार के न्योते पर बीजेपी विरोधी दलों की बैठक पटना में बुलाई गई है लेकिन इसके पहले जेडीयू को एक चिंता सताने लगी है. दरअसल मिशन 2024 में लगे नीतीश कुमार को उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पीएम कैंडिडेट के तौर पर देख रहे हैं. यही वजह है कि नीतीश कुमार से लेकर ललन सिंह तक के सामने नीतीश को पीएम बनाने के लिए नारे लगते रहे हैं. रविवार को जब ललन सिंह के सामने नीतीश को पीएम उम्मीदवार बनाने वाले नारे लगे तो उन्होंने इसपर नाराजगी जताई थी. 

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अब जेडीयू खुद कह रहा है कि नीतीश कुमार को पीएम बनाने वाले नारे अगर लगाए जाते हैं तो यह ठीक बात नहीं है. जेडीयू एक ऐसी पार्टी है जिसमें इस तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पीएम पद के उम्मीदवार हैं. 

माना जा रहा है कि जेडीयू ऐसी किसी परिस्थिति को सामने नहीं लाना चाहता जिसमें नीतीश कुमार के समर्थन में नारेबाजी देखने को मिले. उधर जेडीयू के इस परहेज पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार के साथ सहानुभूति जताई है. 

दरभंगा एम्स पर सियासत
बीजेपी और जेडीयू के बीच दरभंगा एम्स को लेकर की सियासत जारी है. दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार की तरफ से दी गई जमीन को केंद्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है जिसके बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. जेडीयू कह रहा है कि केंद्र सरकार इस मामले में टालमटोल का रवैया अपना रही है. 

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बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से पहले जो जमीनों को आवंटित किए जाने की बात की गई थी, वह उपलब्ध नहीं कराया गया और अब जिस जमीन को दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार ने ऑफर किया है वो लो लैंड है. ऐसे में केंद्र सरकार नहीं चाहती कि भागलपुर पुल जैसा हाल दरभंगा एम्स का हो.

सम्राट की डिग्री पर बवाल
बिहार में डिग्री को लेकर नई सियासत देखने को मिल रही है. जेडीयू ने सम्राट चौधरी के डिग्री पर सवाल खड़े किए हैं. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया है की सम्राट चौधरी की डिग्री फर्जी है. सम्राट चौधरी ने अपने एफिडेविट में कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी से डीएलएड की डिग्री का जिक्र किया है. 2005 के विधानसभा चुनाव में सम्राट चौधरी का नाम राकेश चौधरी सन ऑफ शकुनी चौधरी लिखा था. 

2010 के चुनावी हलफनामे मे उनका नाम सम्राट चौधरी उर्फ राकेश चौधरी सन ऑफ शकुनी चौधरी लिखा और 2020 के चुनाव में इन्होंने एफिडेविट पर अपना नाम सम्राट चौधरी बताया. जेडीयू ने इस मामले में सम्राट चौधरी से जवाब मांगा तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश को जमकर खरी खोटी सुनाई. सम्राट चौधरी ने कहा कि मेरी डिग्री सार्वजनिक है, मेरे फेसबुक पर 2019 में अपलोड है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मुझसे डर गए हैं. मैं नीतीश कुमार से पिछले 25 साल से लड़ रहा हूं. नीतीश कुमार की कृपा से जीतकर नहीं आता और मुझे डराने की गलतफहमी नीतीश कुमार अपने दिल से निकाल दें.
 

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