
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से गठबंधन तोड़कर नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ सरकार बना ली है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की नवगठित महागठबंधन की सरकार पर बीजेपी ने हमला बोला है. बीजेपी ने महागठबंधन की सरकार पर मुसलमानों के तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह और चंद रोज पहले तक नीतीश कुमार सरकार में डिप्टी सीएम रहीं रेणु देवी ने प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक रवि प्रकाश की ओर से 10 अगस्त के दिन सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखा गया एक पत्र ट्वीट किया है. दोनों नेताओं ने ये पत्र ट्वीट करते हुए महागठबंधन की सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है.
प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस पत्र के जरिये सूबे में उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों के संबंध में जानकारी मांगी है. उन्होंने ये भी पूछा है कि कितने सामान्य शिक्षक पद स्वीकृत हैं और कितने शिक्षक कार्यरत हैं? कितने पद रिक्त हैं? नियुक्त कुल शिक्षकों में अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या और प्रतिशत क्या है? गिरिराज सिंह ने ये पत्र ट्वीट करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार को घेरा.
गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि संस्कृत पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है लेकिन उर्दू पर फैसला आ गया. सरकार बनने के 24 घंटे के अंदर तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गई है. वहीं, बिहार सरकार की पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नई सरकार में संस्कृत पर कोई फैसला नहीं आया है लेकिन उर्दू पर आ गया है. तुष्टिकरण की दुकान खुल गई है.
रेणु देवी ने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि समाज में आपसी वैमनस्यता फैलाकर कुशासन का राज चलाने वालों को जनता सबक सिखाएगी. गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 अगस्त को ही महागठबंधन की सरकार बनी थी. नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. नीतीश कुमार के साथ आरजेडी की ओर से तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी.