
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सबकुछ ठीक नहीं है. तेजी से बदलते सियासी समीकरणों के बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के भविष्य को लेकर भी नई बहस शुरू हो गई है. आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद शुरू हुई सियासी गहमागहमी के बीच बात अब एनडीए में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के भविष्य पर आ गई है.
जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठबंधन में दरारें और बढ़ने की चर्चा सियासी गलियारों में आम हो चली हैं तो वहीं अटकलें ये भी लगाई जाने लगी हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी एनडीए का साथ छोड़ सकती है. सूत्रों की मानें तो जेडीयू की ओर से एक-दो दिन के अंदर ही एनडीए को बाय बोलने का आधिकारिक ऐलान किया जा सकता है. पटना में राजनीतिक हलचल भी तेज हो चुकी है. एक तरफ नीतीश कुमार की पार्टी ने विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है तो दूसरी तरफ विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भी एक्टिव मोड में आ गई है.
आरजेडी ने भी अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. बैठकों के दौर के बीच अटकलें ये भी लगाई जाने लगी हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी एनडीए से नाता तोड़ने के बाद महागठबंधन में शामिल होकर सरकार बना सकती है. बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होकर किस तरह सरकार का गठन कर सकते हैं, क्या है विधानसभा का अंकगणित?
बिहार विधानसभा में ये है सीटों का गणित
सूबे की सरकार चुनने के लिए 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. तब से अब तक तस्वीर बदली है. 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में सीटों के गणित की बात करें तो बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के 45 विधायक हैं तो वहीं आरजेडी के 79. ऐसे में अगर महागठबंधन से किनारे चल रही कांग्रेस के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी ने अगर समर्थन नहीं किया, तब भी जेडीयू और आरजेडी के पास बहुमत के लिए जरूरी संख्याबल है.
जेडीयू और आरजेडी के पास ही 124 विधायक हैं. बीजेपी के पास 77 विधायक हैं. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में 75 सीटें जीतकर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. बीजेपी को 74, जेडीयू को 43, वीआईपी को चार, कांग्रेस को 19, सीपीआई (एमएल) को 12, सीपीआईएम को दो, सीपीआईएम को दो सीटों पर जीत मिली थी.