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नीतीश कुमार से शिकायत करने पहुंची महिला लौटीं खाली हाथ, अधिकारियों ने नहीं दिया मिलने

लेकिन सुशासन बाबू के अधिकारी हैं कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को साहेब के पास फटकने ही नहीं देते, कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला मोतिहारी में. एक पीड़िता महिला अधिकारियों के पास मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गिड़गिड़ाती रही,

पीड़ित महिला पीड़ित महिला
सुजीत झा
  • पटना,
  • 11 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

महात्मा गांधी के चंपारण यात्रा के 100 साल पूरा होने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चंपारण से ही अपने निश्चय यात्रा की शुरुआत 9 नवंबर से की. नीतीश कुमार के निश्चय यात्रा का मकसद सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत को नजदीक से देखने के साथ-साथ आम जनता से उसके बारे में फीड बैक लेना भी है.

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लेकिन सुशासन बाबू के अधिकारी हैं कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को साहेब के पास फटकने ही नहीं देते, कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला मोतिहारी में. एक पीड़िता महिला अधिकारियों के पास मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गिड़गिड़ाती रही, लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा और उस महिला को नीतीश कुमार से मिलने नहीं दिया.

मोतिहारी जिले की हरसिद्धि की रहने वाली अनिता बीते कुछ माह से खुले आसमान में रहने को लाचार व विवश है. वजह ये कि मोतिहारी के कुछ अधिकारियों ने एक दबंग के इशारे पर उसके घर में न केवल लूटपाट की बल्कि घर में तोड़फोड़ कर उसके परिवार वालों को घर से बेघर कर दिया. अनिता की मानें तो दबंग के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया है मोतिहारी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जिसमें हरसिद्धि के थाना प्रभारी से लेकर मोतिहारी के एसडीओ और डीसीएलआर तक शामिल हैं.

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अनिता अपनी इसी व्यथा की शिकायत करने बड़े अरमानों से मोतिहारी के समाहरणालय पहुंची. अनिता इस उम्मीद के साथ समाहरणालय पहुंची कि वो अपने दुख को सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के सामने रख सकेंगी और जब नीतीश कुमार उसके शिकायत को सुनेंगे तो उसके सारे समस्याओं का समाधान हो जाएगा. लेकिन मोतिहारी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अनिता को नीतीश कुमार के पास फटकने तक नहीं दिया. अनिता को लोक शिकायत निवारण केन्द्र के कार्यालय में बिठा दिया गया. वो बैठी रही इस आस में अब बुलावा आएगा लेकिन वो बैठी रही और नीतीश कुमार समाहरणालय से अधिकारियों के साथ बैठक कर निकल गए.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाने के बाद उदास अनिता कार्यालय से बाहर निकली और मीडिया के सामने अपना दुखड़ा सुनाते-सुनाते फफक-फफक कर रोने लगी. अनिता ने मोतिहारी के जिलाधिकारी तक से अपनी शिकायत कर चुकी है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई जिला के अधिकारियों ने नहीं की है. अनिता का आरोप है कि दबंग के इशारे पर जिला के सारे अधिकारियों ने कोई कार्रवाई करने के बजाए चुप्पी साध ली है. अनिता की एक आस थी कि वो मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेंगी तो हो सकता है कोई समाधान निकले लेकिन अब वो भी समाप्त हो गया. अनिता अब कहां अपनी शिकायत करे उसे समझ नहीं आता.

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