
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर जाति आधारित जनगणना की तरफदारी की है. उन्होंने इसे देश हित में बताते हुए कहा कि जाति आधारित जनगणना से लाभ होगा. इसके मुताबिक, विकास कार्यक्रमों को सरकार के मुताबिक लागू किया जा सकेगा.
नीतीश कुमार ने जनता दरबार के बाद कहा, इस मामले में उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात के लिए पत्र लिखा है. लेकिन अभी तक उन्हें पीएम की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.
सामाजिक विकास के लिए जरूरी
बिहार में जाति आधारित जनगणना की लगातार मांग बढ़ रही है. नीतीश कुमार ने कहा, जाति आधारित गणना के लिए आखिरी फैसला केंद्र को करना है. उन्होंने कहा, जाति जनगणना की मांग में कोई राजनीतिक रंग नहीं है, यह सामाजिक विकास के लिए जरूरी है.
उन्होंने कहा, अगर केंद्र जाति आधारित जनगणना नहीं कराता, तो हम इस मुद्दे पर बिहार में पहले चर्चा करेंगे. हम चाहते हैं कि केंद्र जाति आधारित जनगणना कराए. यह जनगणना राष्ट्रहित में है.
अगले 6 महीने में 6 करोड़ लोगों को लगेगी वैक्सीन
वैक्सीन को लेकर नीतीश कुमार ने कहा, अगले 6 महीने में राज्य में 6 करोड़ लोगों को टीका लगेगा. हम निश्चित तौर पर टारगेट को पूरा करेंगे. हमें केंद्र से वैक्सीन मिल रही है. मैंने अधिकारियों को हर रोज 2 लाख टेस्ट करने का आदेश दिया है.
इतना ही नहीं, नीतीश ने पार्टी में विवाद की अफवाह को भी नकार दिया. उन्होंने कहा, जदयू में आरसीपी सिंह और लल्लन सिंह के बीच कोई पोस्टर विवाद नहीं है. पार्टी में एकजुटता है. उन्होंने कहा, अभी हम चर्चा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ें या नहीं.