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निपाह वायरस पर बोले नीतीश- केरल का केला और पेड़ से गिरा आम न खाएं बिहार के लोग

उन्होंने कहा कि बिहार के लोग देश के कोने-कोने में रहते हैं और अभी ये वायरस केरल में पाया गया है ऐसे में सभी को अलर्ट रहने की जरूरत है.

बिहार सीएम नीतीश कुमार बिहार सीएम नीतीश कुमार
सुजीत झा
  • पटना,
  • 28 मई 2018,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST

निपाह वायरस को लेकर देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी किया जा चुका है. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसको लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग देश के कोने-कोने में रहते हैं और अभी ये वायरस केरल में पाया गया है ऐसे में सभी को अलर्ट रहने की जरूरत है.

नीतीश ने कहा कि इस वायरस से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिस केले में दाग आ गया हो या फिर जो केरल से आया हो उसे नहीं खाना चाहिए. उन्होंने कि कोई आम अगर पेड़ से गिरा हो उसे नहीं खाना चाहिए. उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य विभाग को तत्काल लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की बात कही.

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कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन

बिहार के सीएम ने सोमवार को पटना में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 784 करोड़ रुपए की कुल 301 योजनाओं का रिमोट के जरिए शिलान्यास एवं उद्घाटन किया. इसमें से 167 करोड़ 41 लाख रुपए की 57 योजनाओं का उद्घाटन किया गया. इसके अलावा एम0एस0डी0पी0 स्कीम के अंतर्गत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधीन दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दो अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र एवं 22 स्वास्थ्य उपकेंद्रों का 17 करोड़ 18 लाख रुपए की लागत की योजनाओं का उद्घाटन भी हुआ है.

स्वच्छता पर जोर दे रही है सरकार

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग इलाज के साथ-साथ स्वच्छता पर भी ध्यान देते हैं. लोग स्वस्थ रहें, इसके लिए काम कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, राज्य में लोहिया स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है. पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है.

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नीतीश बोले कि अगर पीने का स्वच्छ पानी एवं स्वच्छता का ध्यान रखा जाए तो आज होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है. स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता के लिए भी प्रयास करने की जरूरत है. बीमारियों के प्रति जागरुकता के लिए पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य मेला लगाने की जरूरत है.

क्या है निपाह वायरस ?

निपाह मनुष्‍यों और जानवरों में फैलने वाला एक गंभीर इंफेक्‍शन (वायरस) है. यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण होता है, इसलिए इसे 'निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस' भी कहा जाता है. 'निपाह वायरस' हेंड्रा वायरस से संबंधित है. यह इंफेक्‍शन फ्रूट बैट्स के जरिए फैलता है.

शुरुआती जांच के मुताबिक खजूर की खेती से जुड़े लोगों को ये इंफेक्‍शन जल्द ही अपनी चपेट में ले लेता है. इस वायरस की वजह से 2004 में बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे. पहले इसका असर सुअरों में भी देखा गया था.

निपाह वायरस के लक्षण

इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है. वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत भी सकती है. इंसानों में निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है. बुखार, सिरदर्द, चक्‍कर आना शुरुआती लक्षणों में पाया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक कुछ मामलों में 24-28 घंटे के अंदर लक्षण बढ़ने पर मरीज कोमा में भी चला जाता है.

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