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NRC पर गरमाई बिहार की राजनीति, आमने-सामने आई बीजेपी और जेडीयू

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) का मुद्दा बिहार की राजनीति को बदल सकता है. इस मुद्दे को लेकर जिस तरीके से एनडीए की सहयोगी दल बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने आ खड़े हुए हैं, उससे लगता है कि राज्य में कहीं राजनीति कि दिशा ही न बदल जाए.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (फाइल) केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (फाइल)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 09 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:41 PM IST

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) का मुद्दा बिहार की राजनीति को बदल सकता है. इस मुद्दे को लेकर जिस तरीके से एनडीए की सहयोगी दल बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने आ खड़े हुए हैं, उससे लगता है कि राज्य में कहीं राजनीति की दिशा ही न बदल जाए. बीजेपी ने इस मुद्दे पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार जैसे राज्य में NRC लागू करने की बहुत जरूरत है क्योंकि यहां जनसंख्या का विस्फोट बंगलादेशी घुसपैठियों की वजह से हो रहा है.

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गिरिराज सिंह ने एनआरसी के मुद्दे पर कहा कि सीमांचल इलाके में जनसंख्या विस्फोट का कारण बंग्लादेशी घुसपैठिए हैं इसलिए बिहार जैसे प्रदेश में एनआरसी बहुत जरूरी है. वहीं नीतीश कैबिनेट के मंत्री और बीजेपी नेता राम नारायण मंडल ने भी एनआरसी का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार में बंग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से ही सीमांचल इलाकों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है.

बता दें कि बीते दिनों राज्यसभा सांसद और RSS विचारक राकेश सिन्हा ने भी बिहार में एनआरसी लागू करने को लेकर कहा था कि सूबे के सीमांचल इलाके में घुसपैठियों की भारी तादाद मौजूद है. यहां भी एनआरसी लागू करना बहुत जरूरी है. इस पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा था कि एनआरसी की जरूरत बिहार जैसे राज्य में बिल्कुल नहीं है.

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केसी त्यागी के बयान के बाद बीजेपी और जडीयू नेताओं के बीच घमासान मच गया. बीजेपी किसी भी कीमत पर एनआरसी के मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती है. वर्तमान स्थिति में खासकर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.

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