
राजद सांसद मनोज झा ने संसद में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी. इसके बाद से लगातार बवाल मचा है. उन्हें सियासी गिलायारों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. अपनी ही पार्टी के नेताओं का भी विरोध झेलना पड़ रहा है. बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि बीते दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बचाव में उतरना पड़ा. इस घमासान के बीच रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे सांसद मनोज झा ने सफाई दी. उनकी सफाई से पहले जानते हैं उस कविता के बारे में जो उन्होंने संसद में पढ़ी थी.
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का
बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फसल ठाकुर की
कुआं ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली-मुहल्ले ठाकुर के
फिर अपना क्या ?
गांव ?
शहर ?
देश ?
'बस एक कविता पढ़ी थी, जिस पर आज भी कायम हूं'
रविवार को जब वो पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे तो इसी कविता पर मचे घमासान को लेकर मीडिया ने मनोज झा से सवाल किया. सवाल था 'आपके ऊपर ठाकुरों को अपमानित करने का आरोप लग रहा है'. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा कुछ नहीं किया. बस एक कविता पढ़ी थी. जिस पर आज भी कायम हूं. किसी को ठेस पहुंचाने के लिए कविता नहीं पढ़ी थी'.
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'ब्राह्मण हैं, इसलिए ब्राह्मणों के खिलाफ कविता नहीं पढ़ी'
इस कविता को लेकर आरजेडी नेता आनंद मोहन, उनके विधायक बेटे चेतन आनंद ने भी मनोज झा पर हमला बोला था. उन पर ठाकुरों का अपमान करने का आरोप लगाया. आनंद मोहन ने तो ये तक कह डाला अगर वो राज्यसभा में उस समय होते तो जीभ खींच लेते.
'मनोज बहुत विद्वान, ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं कहा'
वहीं उनके बेटे चेतन ने कहा मनोज झा ब्राह्मण हैं. इसलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ कविता नहीं पढ़ी. इसके बाद पार्टी सुप्रीमो लालू यादव झा के बचाव में आए. उन्होंने आनंद नेताओं को नसीहत दी. कहा कि मनोज बहुत विद्वान आदमी हैं. उन्होंने ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं कहा. 'जो लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उनको संयम बरतना चाहिए.
'आनंद मोहन पहले अपनी अक्ल और शक्ल देखें'
लालू यादव ने आजतक से बातचीत में कहा, आनंद मोहन को जितनी बुद्धि होगी, उतना ही बोलेगा ना. लालू का गुस्सा यहीं नहीं रुका. उन्होंने आगे कहा, आनंद मोहन पहले अपनी अक्ल और शक्ल देखें. चेतन आनंद को भी अक्ल नहीं है. लालू ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का भी तारीफ की और कहा, वो अच्छा काम कर रहा है.
'वे अपनी जाति का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं'
बता दें कि नारी शक्ति वंदन बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने भाषण दिया था और लेखक ओम प्रकाश वाल्मीकि की मशहूर कविता 'ठाकुर का कुआं' का पाठ किया था. इस पर बाहुबली नेता आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
इससे पहले लालू ने एक बयान में कहा था, मनोज ने बिल्कुल ठीक कहा है. किसी जाति का अपमान नहीं किया है. जो लोग मनोज झा के बयान पर शोर मचा रहे हैं, वे अपनी जाति का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए. लालू का कहना था कि मनोज झा एक विद्वान व्यक्ति हैं. उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल सही है. उनका इरादा राजपूतों/ठाकुरों या किसी अन्य समुदाय का अपमान करने का नहीं था.