नो एंट्री से पप्पू यादव की बढ़ी बेचैनी, अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी

महागठबंधन के नेता इसे खुलकर स्वीकार करते हैं कि पप्पू यादव को लेकर तेजस्वी यादव ने पहले से ही नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा है. तेजस्वी के इस वीटो को कांग्रेस भी नजरअंदाज नहीं कर रही है.

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पप्पू यादव (फोटो-आजतक) पप्पू यादव (फोटो-आजतक)

सुजीत झा / वरुण शैलेश

  • पटना,
  • 30 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से निष्कासित सांसद पप्पू यादव की बेचैनी आजकल बढ़ गई है. पप्पू यादव की बेचैनी इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि उन्हें न तो एनडीए घास डाल रहा और न ही महागठबंधन में उन्हें एंट्री मिल रही है.

आरजेडी से निलंबित चल रहे पप्पू यादव सांसद तो हैं, लेकिन लालू यादव के खिलाफ बयानबाजी करके वह अपने लिए बड़ी खाई खोद चुके हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए फील्डिंग कर चुके पप्पू यादव को अब बीजेपी भी भाव नहीं दे रही, लिहाजा उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं.

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एनडीए की तरफ से रेड सिग्नल देखने के बाद पप्पू यादव ने पिछले महीने कांग्रेस पर डोरे डालना शुरू कर दिया था. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से पप्पू यादव तीन बार मिल चुके हैं. मगर बात नहीं बनी. महागठबंधन के नेता इस बात को खुलकर स्वीकार करते हैं कि पप्पू यादव को लेकर तेजस्वी यादव ने पहले से ही नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा है. तेजस्वी के इस वीटो को कांग्रेस भी नजरअंदाज नहीं कर रही.

पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2014 में मधेपुरा से आरजेडी के टिकट पर सांसद बनने वाले पप्पू यादव ने लालू प्रसाद और उनके दोनों बेटों को खूब कोसा. लेकिन अब जब सारे रास्ते बंद नजर आ रहे हैं तो वह लालू प्रसाद यादव का गुणगान कर रहे हैं. पप्पू यादव का कहना है कि लालू यादव उनके हमेशा नेता थे और रहेंगे. हालांकि तेजस्वी को लेकर उनके तेवर अभी भी तल्ख दिखे.

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पप्पू यादव ने पटना में कहा है कि महागठबंधन में उनके शामिल होने पर फैसला कांग्रेस को लेना है. एंट्री मिली तो ठीक वरना वह अकेले चलने को भी तैयार हैं. लिहाजा 2019 में बिना किसी बड़े गठबंधन के चुनाव में उतरना पप्पू के लिए बड़ी चुनौती बन गई है.

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