
देशभर में कोरोना संक्रमण के संकट के बीच म्यूकर माइकोसिस यानी कि ब्लैक फंगस का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसी बीच बिहार के पटना में IGIMS अस्पताल ने इससे निपटने के लिए म्यूकर टीम बनाई है. जिसमें मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल के नेतृत्व में इस टीम ने ब्लैक फंगस से ग्रसित सौ मरीजों का अबतक ऑपरेशन कर चुकी है.
जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने का काम 18 मई से शुरु हुआ था. महज इतने कम समय में IGIMS अस्पताल में ब्लैक फंगस से बीमार सौ मरीजों का सफल ऑपरेशन हुआ है. इस बीमारी में नाक, आंख, साइनस, दांत और दिमाग में भी ऑपरेशन की जरुरत पड़ती है.
बताया जा रहा है कि 100 में से 56 मरीजों को इंडोस्कोपिक विधि और 44 मरीजों को ओपन सर्जरी के जरिए ऑपरेशन किया गया. कोरोना के बढ़ते मामले के बाद बिहार सरकार ने पटना के IGIMS अस्पताल में इलाज करानेवाले मरीजों को फ्री में इलाज का जिम्मा उठाया हुआ है.
वहीं ब्लैक फंगस के बीच व्हाइट फंगस के मामले भी बढ़ने लगे हैं. लेकिन अभी भी इसको लेकर उतनी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. जैसे कि अभी तक ये भी नहीं पता चल पाया है कि व्हाइट फंगस को कौन सी चीज ज्यादा खतरनाक बनाती है?
पटना के कंसल्टेंट एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉक्टर शरद बताते हैं कि "कई जगहों पर व्हाइट फंगस के मामले सामने आए हैं और ये शायद कैनडिडा (Candida) की बात कर रहे हैं. कैनडिडा पहले भी होता था. कैंसर, डायबिटीज की दवा लेने या स्टेरॉयड की वजह से जिनकी भी इम्युनिटी घटती है, ऐसे लोगों में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है. व्हाइट फंगस का इलाज आसानी से हो जाता है. फिर भी लोगों को सजग रहने की जरूरत है."
(इनपुट- नीरज)