
बिहार में मॉनसून की एंटी और भारी बारिश के बीच सियासत का माहौल गरमा गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के विधायकों और विधान पार्षदों से वन टू वन मुलाकात कर रहे हैं. सीएम आवास में जेडीयू के एमएलए और एमएलसी को एक-एक कर बुलाया गया है. यहां नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है. इस बैठक को लेकर मायने निकाले जाने लगे हैं. जानकार कोई बड़ा खेल होने की संभावना तलाश रहे हैं.
बता दें कि जदयू नेता नीतीश कुमार 2024 के चुनाव की तैयारियों में बिजी हैं. उन्होंने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक बुलाई थी. नीतीश कुमार एक बार फिर एक्टिव हुए और अब अपनी पार्टी के विधायकों और विधान पार्षदों को बुलाया है. वे उनसे मुलाकात कर रहे हैं, जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को अलग-अलग समय पर मुलाकात के लिए बुलाया है.
'क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी ले रहे हैं सीएम'
शुक्रवार सुबह से ही मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू विधायकों और विधान पार्षदों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. नीतीश कुमार से मुलाकात करने के बाद जेडीयू के जो विधायक मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकल रहे हैं, उनका कहना है कि नीतीश उनके विधानसभा क्षेत्र को लेकर जानकारी ले रहे हैं. विधायकों के क्षेत्र की समस्याओं पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हो रही है. साथ ही कुछ विधायकों ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें एकजुट रहने के लिए कहा है.
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'फिर किसी बड़े फैसले के मूड में नीतीश?'
हालांकि ज्यादातर विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बयान देने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन सियासी गलियारे में चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या नीतीश कुमार फिर किसी फैसले के मूड में हैं? क्या बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार कोई बड़ा सियासी खेल करने वाले हैं?
'मुलाकात के इसलिए मायने निकाले जा रहे'
जुलाई महीने में बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू होने वाला है. इस लिहाज से भी नीतीश कुमार के साथ उनकी पार्टी के विधायकों और विधान पार्षदों की मुलाकात को अहम माना जा रहा है. पिछले कई ऐसे मौके रहे हैं जब नीतीश कुमार अपनी पॉलिटिकल लाइन बदलने से पहले पार्टी के विधायकों और नेताओं से वन टू वन मुलाकात करते रहे हैं. बीते साल अगस्त महीने में नीतीश कुमार ने जब एनडीए छोड़कर महागठबंधन में आने का फैसला किया था, उस वक्त भी विधायकों के साथ उनकी रायशुमारी हुई थी.
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'नीतीश का मकसद क्या है?'
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या नीतीश कुमार फिर कोई बड़ा सियासी खेल करेंगे? हालांकि महागठबंधन को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और लालू यादव की पार्टी आरजेडी के नेता एकजुटता के दावे करते रहे हैं. नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर बड़ी पहल कर रहे हैं, ऐसे में वो एक बार फिर किसी बड़े बदलाव की तरफ आगे बढ़ेंगे, इस बात की उम्मीद नहीं की जा सकती है. लेकिन विधायकों को लंबे अरसे बाद वन टू वन मीटिंग के लिए बुलाने के पीछे नीतीश का मकसद क्या है फिलहाल यह सस्पेंस बना हुआ है.
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