
बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पटना में हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में पुलिस ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की है.
तेजस्वी और तेजप्रताप के नेतृत्व में मंगलवार को नीतीश सरकार को घेरने के लिए आरजेडी ने विधानसभा घेराव का आयोजन किया था. इस बीच आरजेडी कार्यकर्ताओं को डाक बंगला चौराहे पर ही प्रशासन और पुलिस के द्वारा रोक दिया गया था.
इसी दौरान आरजेडी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच में हिंसक झड़प हुई, जिसमें कई लोगों को चोट आई. आरजेडी के उग्र कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण पाने के लिए पटना पुलिस ने पहले वाटर कैनन चलाया, जिसके जवाब में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी आरजेडी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजी.
तेजस्वी और तेजप्रताप समेत आरजेडी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन लोगों ने ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों पर हमला किया और जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद भी विरोध प्रदर्शन किया. उग्र प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधायक तेज प्रताप यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम रजक पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, विधायक रीतलाल यादव, निर्भय आंबेडकर, आजाद गांधी, महताब आलम, प्रेम गुप्ता, पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, पूर्व मंत्री रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति यादव, यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष कारी सुहैब, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह, अर्चना यादव समेत आरजेडी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधयेक पास
बिहार विधानसभा में विशेष सशस्त्र पुलिस विधयेक पास हो गया है. मुख्यमंत्री ने बिल की अच्छाई गिनाईं, लेकिन इससे पहले सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के विधायकों और सुरक्षाबलों में झड़प तक की नौबत आ गई. बताया गया कि सदन में प्रस्ताव पास कराने के दौरान अध्यक्ष की कुर्सी तक विपक्ष के विधायक पहुंच गए और अध्यक्ष के हाथ से विधेयक खींचने की कोशिश की. विधानसभा अध्यक्ष को चेंबर से निकालने के लिए पटना के डीएम और एसएसपी तक को जुटना पड़ा था.