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बिहार के सासाराम से बीजेपी सांसद छेदी पासवान को पटना हाई कोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिली है. हाई कोर्ट ने उनकी सदस्यता रद्द करने के फैसले पर फिलहाल रोक लगाते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 20 दिन का समय दिया है.
सोमवार को हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बीजेपी सांसद छेदी पासवान संसद में अपनी हाजिरी तो लगा सकते हैं, लेकिन संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते. बीजेपी सांसद ने पटना हाई कोर्ट में एक आवेदन दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए वक्त की मांग की थी. इसी पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ये फैसला सुनाया.
जुलाई में सदस्यता रद्द करने को लेकर आया फैसला
पटना हाई कोर्ट से छेदी पासवान को मिली यह राहत इस मामले में महत्वपूर्ण है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का समय मिल गया. 28 जुलाई 2016 को पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति केके मंडल की सिंगल बेंच ने छेदी पासवान की संसद की सदस्यता रद्द कर दी थी. न्यायमूर्ति केके मंडल की सिंगल बेंच ने गंगा मिश्र की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया था.
हलफनामे में जानकारी छिपाने का आरोप
छेदी पासवान पर 2014 के लोकसभा चुनाव में दायर हलफनामा में जानकारी छिपाने का आरोप था. छेदी लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को चुनाव में पराजित कर सासाराम से बीजेपी के सांसद चुने गए थे. हाई कोर्ट से 28 जुलाई के फैसला आने के बाद छेदी पासवान ने कहा था कि उनके ऊपर आपराधिक मामले नहीं, बल्कि जनहित के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. उनका कहना था कि 2006 में दुर्गावती परियोजना को लेकर धरने पर बैठने को लेकर मामला दर्ज किया गया था.
गौरतलब है कि छेदी पासवान तीसरी बार संसद सदस्य चुने गए हैं. 2014 के पहले वे 1989 और 1991 में संसद सदस्य निर्वाचित हुए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह जेडीयू की सदस्यता से त्यागपत्र देकर बीजेपी का दामन थामा था और सासाराम से बीजेपी सांसद के रूप में चुने गए.