
बिहार की राजधानी पटना में मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर पिछले तीन दिन से हड़ताल पर हैं. इससे अस्पताल की मेडिकल व्यवस्था चरमरा गई है क्योंकि काफी दूर दूर से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं लेकिन वार्ड में डॉक्टर नदारद हैं. परीक्षा के रिजल्ट को लेकर डॉक्टर नाराज हैं और उनकी मांग है कि कॉपियों की दोबारा जांच हो.
हड़ताल में हिस्सा लेते जूनियर डॉक्टर सौरभ ने कहा, 'डॉ. विजय कुमार का तबादला किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने वैसे जूनियर डॉक्टरों को फेल कर दिया है जो एक खास ब्रांड की दवाई मरीजों के पुर्जे पर नहीं लिखते हैं.'
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से इलाज व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. मरीजों के तिमारदार वार्ड में इधर उधर भटकने को मजबूर हैं. डॉक्टरों के नहीं आने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. इसी के साथ मरीजों के परिजन भी खासी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. पीएमसीएच के ओपीडी में हर दिन तकरीबन तीन हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी में कम मरीजों को ही पर्ची मिल पा रही है.
पीएमसीएच में हर दिन छोटे बड़े कई ऑपरेशन किए जाते हैं लेकिन हड़ताल के कारण इस पर भी असर पड़ा है. मरीजों की हालत देखते हुए अस्पताल प्रशासन सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी बढ़ा दी है और इंटर्न डॉक्टरों की भी मदद ली जा रही है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने हड़ताली डॉक्टरों से बात कर मामला सुलझाने की कोशिश की लेकिन डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हैं.
जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि गरीब मरीजों के पुर्जे पर एक खास कंपनी की ही दवा लिखी जाती है जो काफी महंगी है. जो डॉक्टर इस कंपनी की दवा नहीं लिखते हैं उन्हें परीक्षा में फेल कर दिया जाता है. यह आरोप ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डॉक्टर विजय कुमार पर लगा है जिन्हें निकालने की जूनियर डॉक्टर मांग कर रहे हैं.