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पटना टेरर मॉड्यूल मामले में बड़ा खुलासा: गजवा-ए-हिंद ग्रुप बनाकर कई पाकिस्तानियों को जोड़ा, एक अरेस्ट

बिहार के पटना में फुलवारी शरीफ में बीते दिनों पुलिस ने आतंकी मॉडयूल का खुलासा किया था. इस मामले में फुलवारी शरीफ पुलिस ने एक और आरोपी को अरेस्ट किया है. पुलिस का कहना है कि यह आरोपी एक ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के लोगों को जोड़ रहा था. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सुजीत झा
  • पटना,
  • 15 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST
  • पुलिस कई लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार
  • आरोपियों से पुलिस लगातार कर रही पूछताछ

बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद पुलिस लगातार नए खुलासे कर रही है. अब तक पुलिस ने कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने फुलवारी शरीफ से एक और शख्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी इलयास ताहिर गजवा-ए-हिंद ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के लोगों को जोड़ रहा था. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.

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बता दें कि फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया था कि पटना में हमें पिछले 15 दिन से इलाके में कुछ अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल रही थी. जिसकी जांच के बाद छापेमारी की गई थी. इसमें पता चला था कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आड़ में मार्शल आर्ट सिखाने के बहाने हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी.

देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद तीन और लोगों को अरेस्ट किया गया. पिछले दो महीने से आरोपियों के पास दूसरे राज्यों के लोग आ रहे थे. आने वाले लोग टिकट और होटलों में बुकिंग नाम बदलकर करते थे. 

इससे पहले पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था. मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा है, जबकि अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का सगा भाई है. दोनों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े बताए गए थे. पुलिस ने इन दोनों के पास से पीएफआई का झंडा, बुकलेट, पंपलेट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं. जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र किया गया था.

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पटना एसएसपी के बयान के बाद बैकफुट पर जदयू
इस बीच पीएफआई की तुलना आरएसएस के प्रशिक्षण से करने पर पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो घिर गए हैं. बयान पर बिहार में सियासी तूफान के बीच राज्यसभा सांसद सुशील मोदी से लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एसएसपी को आड़े हाथों लिया. इसी बीच 12 घंटे तक चुप रहने के बाद जदयू ने प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने बीजेपी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.

अशोक चौधरी ने पूर्व में आरएसएस पर दिए गए बयानों का हवाला देते हुए कहा कि कई लोगों ने संघ के खिलाफ बयान दिया था और आज केंद्र में मंत्री बने बैठे हैं. उन्होंने एसएसपी के बयान से हालांकि पल्ला झाड़ लिया और कहा कि मैंने बयान नहीं सुना है. अखबार में जो छपा है, उससे कुछ भी स्पष्ट नहीं है. सभी व्यक्ति को अपनी तरफ से प्रतिक्रिया देने की छूट है. कहीं भी किसी प्रकार का राष्ट्रविरोधी कार्य होता है और किसी भी धर्म मजहब के लोग हो. उसकी हम निंदा करते हैं.

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह राजनीतिक नहीं, प्रशासनिक मामला है. हम किसी को सही या गलत नहीं कह सकते. एसएसपी और उनके सर्विस कोड में क्या सही क्या गलत यह जिनकी जवाबदेही है वे देखेंगे. सरकार सिस्टम से चलती है हर चीज पर ध्यान दिया जाता है. यदि कुछ गलत या सही होगा तो ऑथोरिटी जरूर देखेगी.

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वहीं, सुपौल में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने SSP पर कड़ी करवाई की मांग की है. नीरज बबलू ने कहा कि अगर एसएसपी ने किसी मंशा से यह बयान दिया है तो उनके ऊपर कड़ी करवाई होनी चाहिए. मंत्री ने एसएसपी को सोच समझकर बोलने की नसीहत देते हुए बयान वापस लेने की मांग की और कहा कि एसएसपी पर सरकार को बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उधर एसएसपी ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.

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