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पेट्रोल के बढ़े दाम तो कर्मचारी घोड़े पर सवार होकर निकला बिजली बिल वसूलने, Photo वायरल

बिहार के शिवहर जिले से अनोखी तस्वीर सामने आई है जहां एक बिजलीकर्मी बाइक छोड़ घोड़े की सवारी कर रहा है. शाहपुर निवासी अभिजीत ने बताया कि पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. और इससे उनके बजट पर भी असर पड़ रहा है. इसलिए उन्होंने बाइक की जगह घोड़े की सवारी करना शुरू कर दिया है. और ऐसे ही लोगों से बिजली बिल वसूल रहे हैं.

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान अभिजीत ने सवारी के लिए चुना घोड़ा. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान अभिजीत ने सवारी के लिए चुना घोड़ा.
केशव आनंद
  • शिवहर,
  • 01 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST
  • बिजली विभाग कर्मी ने बाइक छोड़ शुरू की घोड़े की सवारी
  • घोड़े पर बैठकर गांव वालों से कर रहा बिजली बिल वसूल

पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों ने लोगों को इस कदर परेशान कर रखा है कि वे अब तेल पर पैसे खर्च करने से बचने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. ऐसा ही कुछ बिहार के शिवहर जिले में देखने को मिला. यहां विद्युत विभाग के कर्मी अभिजीत तिवारी घोड़े पर सवार होकर बिजली बिल वसूलते दिखे. बताया कि पेट्रोल की कीमत इतनी बढ़ गई है कि सफर करना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि घोड़े की अपेक्षा पेट्रोल खर्च दोगुना से अधिक है इसलिए वह घोड़े की सवारी कर रहे हैं.

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शाहपुर निवासी अभिजीत ने कहा कि बढ़ती तेल की कीमतों के कारण बाइक से चलना मुश्किल हो गया है. बजट पर भी इसका असर पड़ रहा है. इसलिए उन्होंने घोड़े का सहारा लिया है. बिजली बिल वसूलने के लिए वह घोड़े पर ही जा रहे हैं.

अभिजीत की यह अनोखी पहल इलाके में चर्चा का विषय बन गई है. लोग इसे पेट्रोल की कीमत में वृद्धि का साइड इफेक्ट करार दे रहे हैं. जबकि, विद्युतकर्मी अभिजीत तिवारी इसे समझदारी की सवारी बताते है.

शिवहर में घोड़े पर सवार होकर बिजली बिल वसूलते अभिजीत.

इससे पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी ऐसा ही मिलता जुलता वाकया देखने को मिला. जहां ईंधन के बढ़ते दाम से परेशान शेख युसुफ ने मोटरसाइकिल त्यागकर अपने घर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित अपने कार्यस्थल पर घोड़े से जाना शुरू किया. उन्होंने कोविड-19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान ऐसा करना शुरू किया था. युसुफ ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के बाद गैराज लंबे समय तक बंद रहे और मोटरसाइकिल का रख-रखाव एक समस्या बन गया था. इसके अलावा ईंधन के दाम भी बढ़ रहे हैं, इसलिए मैंने अपने वाहन को अलग रख दिया और एक काठियावाड़ी घोड़ा खरीदा.”

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उन्होंने बताया कि वह अब (घर और कार्यस्थल के बीच) रोज 30 किलोमीटर की यात्रा घोड़े से करते हैं और घर का सामान लेने एवं पारिवारिक समारोहों में भी घोड़े पर ही बैठकर जाते हैं.

 

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