
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 109 बच्चों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि चमकी बुखार से निपटने के लिए अदालत बिहार और केंद्र सरकार को 500 आईसीयू की व्यवस्था करने का निर्देश दे. साथ ही चमकी बुखार से निपटने के लिए जरूरी पेशेवर डॉक्टरों की संख्या में भी इजाफा करने की मांग की गई है.
याचिका में यह भी मांग की गई है कि सबसे पहले मुजफ्फरपुर में 100 मोबाइल ICU बनाए जाए. इसके अलावा चमकी बुखार से प्रभावितों का जायजा लेने के लिए एक मेडिकल बोर्ड को मुजफ्फरपुर भेजने की मांग की गई है. चमकी बुखार के कहर को देखते हुए अदालत से अपील की गई है कि तुरंत इस मामले में दखल दे. इस याचिका को वकील मनोहर प्रताप और संप्रीत सिंह ने दाखिल किया है.
याचिका में दावा किया है गया है कि बिहार राज्य इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जो कदम उठाये जाने चाहिए थे उसे लागू करने में फेल रहा है. इसलिए अब कोर्ट का दखल जरूरी हो गया है. याचिका में कहा गया है कि अदालत मुजफ्फरपुर में काम कर रहे प्राइवेज डॉक्टरों और अस्पतालों को चमकी बुखार से पीड़ित लोगों का मुफ्त इलाज करने का आदेश दिया जाए.
मुजफ्फरपुर पहुंचे नीतीश कुमार का विरोध
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को इनसेफेलाइटिस से त्रस्त मुजफ्फरपुर का दौरा किया, जहां सैकड़ों लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के बाहर हुआ, जहां नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पहुंचे थे. यहां पर खराब इलाज और सुविधाओं की कमी से नाराज प्रदर्शनकारी 'मुख्यमंत्री वापस जाओ' जैसे नारे लगा रहे थे.