
बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में पहुंचे पीएम मोदी के सामने सभी नेताओं को बोलने का मौका मिला. यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपनी बात रखी, लेकिन किसी के मुंह से बिहार को लेकर किसी मांग की बात नहीं निकली. जैसे ही पीएम बिहार से चले गए और उनके गए हुए 24 घंटे हुए, तब बिहार में विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर सियासत शुरू हो गई है.
बीजेपी की ओर से साफ कहना है कि ये लोग सांप मर जाने के बाद लाठी पीटते हैं. हालांकि कोई भी नेता सामने आकर कुछ नहीं बोल रहा है. सिर्फ जदयू के श्रवण कुमार ने इस मसले पर बातचीत की.
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आशा के अनुरूप हमें बहुत कुछ मिला है. बाकी जो बिहार के लोगों की आकांक्षाएं हैं, समस्याएं और उम्मीदें हैं, बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके सामने रखेंगे. हम लोग लगातार बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठा रहे हैं. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग एनडीए नहीं बल्कि यूपीए के समय से है.
बिहार को चाहिए विशेष राज्य का दर्जा
उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता तो उद्योग धंधा को बढ़ाने में बिहार में रोजगार को बढ़ाने में हम सब को मदद मिलती. हमारी मांग है, इस पर अमल करना चाहिए. सरकार चाहे जिस किसी की हो, लेकिन इस पर विचार करना चाहिए. ताकि बिहार विकसित राज्यो में आ सके. प्रधानमंत्री के सामने जननायक को भारत रत्न देने की मांग उठाई थी. यह मांग उससे पहले भी कई बार उठी है. उन्हें भारत रत्न देना चाहिए ये हमारी भी मांग है. जबकि बीजेपी के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून को बिहार में लागू होने के सवाल पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बात होनी चाहिए. जनसंख्या नियंत्रण तभी होगा. जब हमारी बेटियां पढ़ेंगी, हमारे मुख्यमंत्री ने भी यही कहा है.