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ललित झा के घर दरभंगा पहुंची पुलिस, मां बोली- बेटा सोना है, गंदा काम नहीं कर सकता

संसद की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही के मामले में छठवें आरोपी ललित झा ने दिल्ली के एक थाने में सरेंडर कर दिया है. वहीं, दरभंगा पुलिस ललित झा के घर पहुंची है. पुलिस ने उसके माता-पिता से पूछताछ की और घर की तलाशी ली. इसको लेकर दरभंगा पुलिस ने कोई जानकारी शेयर नहीं कर रही है.

ललित झा के घर पहुंची दरभंगा पुलिस. ललित झा के घर पहुंची दरभंगा पुलिस.
प्रह्लाद कुमार
  • दरभंगा,
  • 15 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

दिल्ली संसद भवन के अंदर हुए हंगामे का तार बिहार के दरभंगा से भी जुड़ गया है. हंगामा करने का मुख्य साजिशकर्ता ललित झा दरभंगा जिले के बहेड़ा थाना इलाके एक गांव का रहने वाला है. दरभंगा पुलिस को जैसे ही ललित झा के पैतृक आवास की जानकारी मिली. वैसे ही दरभंगा पुलिस की कई टीम ललित झा के घर पहुंच गई.

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दरभंगा पुलिस जब ललित झा के घर पहुंची, तो घर में ललित के पिता देवानंद झा और माता मंजुला झा के आलावा एक भाई मौजूद था. दरभंगा पुलिस ने परिवार के लोगों से कई घंटे पूछताछ की. साथ ही घर की तलाशी ली. हालांकि, दरभंगा पुलिस को घर की तलाशी और पूछताछ में क्या कुछ निकल कर सामने आया इसकी जानकारी पुलिस किसी से शेयर नहीं कर रही है.

माता-पिता अपने बेटे को बता रहे हैं निर्दोष

वहीं, दरभंगा के एसएसपी अवकाश कुमार ने भी सिर्फ ललित झा के दरभंगा निवासी होने और दरभंगा पुलिस द्वारा पूछताछ की बात फोन पर पुष्टि की है. उधर ललित झा के माता-पिता अपने बेटे को निर्दोष बता रही है. उन्हें अपने बेटे पर पूरा विश्वास है कि वह ऐसी घटना में शामिल नहीं हो सकता.

दस दिसंबर को माता-पिता को भेजा था दरभंगा

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वह बच्चों को पढ़ाने का काम करता है. जानकारी के मुताबिक, ललित झा और उनके माता पिता कोलकाता में ही रहते हैं. इसी महीने दस दिसंबर को ललित ने अपने माता पिता को ट्रेन में बिठाकर दरभंगा विदा किया और खुद दिल्ली चला गया था.

आरोपी ललित झा के पिता ने कही ये बात

आरोपी ललित झा के पिता देवानंद झा ने बताया की वे पेशे से पंडित है और कोलकाता में ही रहकर पुरोहित का काम करते है. उनका बेटा ललित कोचिंग के आलावा निजी टूशन बच्चो को पढ़ाता है. संसद भवन की घटना के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है. न ही बेटा कभी कुछ ऐसा गलत काम किया है. बेटा उनका सज्जन है. गलत काम नहीं कर सकता उन्हें पूरा विश्वास है. घटना की जानकारी भी उन्हें दूसरे लोगों से मिली, जब मोबाइल में लोगों ने दिखाया.

बेटा को बचाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे

वहीं, ललित की मां मंजुला झा ने बताया की उनका बेटा सोना है. वह कोई गंदा काम किसी कीमत पर नहीं कर सकता है. कई बार लोगों की जान बचाने के लिए रक्त दान भी किया है. कैसे यह सब हुआ उन्हें कुछ पता नहीं है. उनका बेटा निर्दोष है. उसे बचाने के लिए अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे.

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