
बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कयासों का बाजार गर्म है. सभी की निगाहें इसी बात पर टिकी हैं कि क्या जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूटने जा रहा है. बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम है. क्योंकि बीजेपी ने जहां बिहार के अपने कुछ बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है, तो वहीं बीजेपी से बढ़ती अनबन की खबरों के बीच जदयू के सांसदों और विधायकों को आज पटना में इकट्ठा होने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहयोगी BJP के साथ अनबन की अटकलों के बीच आज सुबह 11 बजे जेडीयू के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है.
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी आज सुबह 11 बजे बैठक बुलाई है. इतना ही नहीं, JDU के प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और वाम दलों ने संकेत दिया कि अगर नीतीश भाजपा का दामन छोड़ देते हैं, तो वे जदयू का समर्थन करेंगे. जदयू के सांसदों और विधायकों को आज को पटना में एकत्र होने के लिए कहा गया है. पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी जो भी फैसला करेगी, उसे जदयू का हर सदस्य स्वीकार करेगा.
RJD ने समर्थन पर कही ये बात
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि दोनों दलों द्वारा विधायकों की बैठक बुलाना इस ओर इशारा करता है कि हालात असाधारण हैं. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार NDA को छोड़ते हैं, तो हम उनका समर्थन कर सकते हैं. क्योंकि हमारी पार्टी बीजेपी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश इस लड़ाई में शामिल होने का फैसला करते हैं, तो हम उनका साथ देंगे.
बीजेपी को नीतीश के फैसले का इंतजार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज होने वाली जदयू की महत्वपूर्ण बैठक से पहले नीतीश कुमार से फोन पर बात की है. ये बातचीत करीब सात मिनट तक चली. हालांकि दोनों के बीच क्या चर्चा हुई, ये अभी तक साफ नहीं हो सका है. लेकिन बीजेपी ने अपने सभी नेताओं से कहा है कि कोई भी इस गठबंधन के मुद्दे पर बात नहीं करेगा. साथ ही नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार करने को कहा है.
बिहार में कैसी है अन्य पार्टियों की की स्थिति
बिहार में वामपंथी संगठन CPIML (लिबरेशन) ने भी संकेत दिए हैं कि अगर JDU भाजपा से अलग हो जाता है, तो वह मदद का हाथ बढ़ाएगा. दरअसल, 'महागठबंधन' में वामपंथी दल, राजद और कांग्रेस शामिल हैं. जिसने 2020 के विधानसभा चुनावों में 110 सीटें जीती थीं, जिसमें राजद 75 सीटें हासिल कर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी.
बीजेपी से नाराजगी की क्या वजह?
खबर है कि प्रदेश बीजेपी के नेता नीतीश कुमार से बात कर रहे हैं. उन्हें समझाने का प्रयास भी हो रहा है, लेकिन नीतीश की तरफ से कोई स्पष्टता नहीं आ रही है. वैसे एक बात जरूर स्पष्ट हो चुकी है, इस समय नीतीश बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. कई ऐसे मुद्दे हैं, जिस वजह से उनके और बीजेपी के बीच में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. फिर चाहे वो आरपीएन सिंह का मसला रहा हो या फिर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा से नीतीश की लगातार होती तकरार. इसके अलावा नीतीश कुमार को ऐसा भी लगने लगा है कि आने वाले समय में बीजेपी बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनवा सकती है. अभी इस समय वो सिर्फ उनका इस्तेमाल कर अपनी पार्टी का विस्तार कर रही है. अब क्योंकि नीतीश कुमार के मन में ये तमाम शंकाएं घर कर चुकी हैं, ऐसे में वे फिर अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन पाला बदल सकते हैं.
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