
प्रशांत किशोर महागठबंधन सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. जन सुराज अभियान के तहत समस्तीपुर पहुंचे प्रशांत किशोर ने अब महागठबंधन सरकार में दागी मंत्रियों के सवाल पर कहा कि इसमें कई ऐसे नाम हैं, जिनका 2015 में मंत्री बनने के लिए नाम आया था लेकिन तब नीतीश कुमार ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि इनलोगों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
प्रशांत ने कहा कि उस समय उनके साथ मैं भी प्रक्रिया में शामिल था इसलिए आपको दावे के साथ कह सकता हूं कि उन मंत्रियों के नाम को ड्रॉप किया गया था. उन्होंने कहा कि उनमें से तीन से चार नाम ऐसे हैं, जिन्हें अब महागठबंधन सरकार में मंत्री बने देख रहा हूं. अब ये लोग किस परिस्थिति में मंत्री बनाए गए हैं, इसका जवाब सीएम नीतीश कुमार या महागठबंधन के लोग दे सकतें है.
उन्होंने कहा कि दागी कौन है या नहीं, यह बात लोगों को पहले से ही पता है. प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 के मंत्रियों की सूची निकाल लिया जाए. 2022 में जो मंत्री बने है उनकी सूची निकाल लिया जाए. इन दोनों सूची में फर्क साफ दिख जाएगा और वो उन मंत्रियों के नाम भी पता चल जाएंगे.
ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का जनता देगी जवाब
प्रशांत किशोर ने ईडी और सीबीआई के इस्तेमाल पर कहा कि जो सत्ता में है, उसे लगता है कि संस्थाएं अपना काम कर रही हैं. वहीं जो विपक्ष में होते हैं, उन्हें लगात है कि संस्थाओं को दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि कौन दुरुपयोग कर रहा, कौन सदुपयोग, इसका फैसला जनता पर छोड़ देना चाहिए. इसका सही जवाब जनता अपने वोट से दे देगी. उन्होंने कहा कि अगर जनता को लगेगा कि सरकार ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है तो आने वाले चुनाव में इसका परिणाम दिख जाएगा.
महाराष्ट्र में बीजेपी को फायदा, बिहार में सत्ता चली गई
महाराष्ट्र में ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का जिस दल पर आरोप लग रहा है उसका ठीक उल्टा बिहार में हो गया. प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी को महाराष्ट्र में फायदा हुआ. राजनीतिक तौर पर कुछ लोग कह सकते हैं कि ईडी-सीबीआई की मदद से हुआ, लेकिन बिहार में ठीक उसके उलट पड़ गया. सत्ता उनके हांथ से निकल गई. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में ऐसा लगता हो कि यही दो दल चलते रहेंगे तो बिहार में ऐसा संभव नहीं है.
सात दलों की सरकार बहुत दिन तक नहीं चल सकती
प्रशांत किशोर ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे लगता है कि महागठबंधन की स्थिर नहीं रह पाएगी.7 दलों की इस महागठबंधन सरकार में अगले लोकसभा चुनाव के बाद उलट फेर देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहें, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है.
2014 और 2022 के नीतीश में बहुत अंतर आ गया
प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में यह छठवां प्रयोग है, जिससे सरकार बदली है. इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है, विकास की गति धीमी हुई है. नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं. 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है, यह जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है.