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प्रशांत किशोर भी हिंदू-मुस्लिम की पॉलिटिक्स पर आए, नीतीश-तेजस्वी को दे दिया ये चैलेंज

चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी अब हिंदू-मुस्लिम की पॉलिटिक्स में उतर आए हैं. पीके ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बड़ा चैलेंज दिया है.

प्रशांत किशोर (फाइल फोटो) प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर यानी पीके भी अब हिंदू-मुस्लिम की पॉलिटिक्स पर उतर आए हैं. जन सुराज के सूत्रधार पीके ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा है कि ये रिपोर्ट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को 2024 के आम चुनाव और 2025 के बिहार चुनाव में बहुत भारी पड़ने वाली है.

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उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को मुस्लिम नेता को गृह मंत्री बनाने की चुनौती भी दे दी. पीके ने कहा कि अगर दोनों नेता भला चाहते हैं तो मुसलमान को गृह मंत्री बनाएं. बिहार के मधुबनी में उन्होंने ये भी कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार को ये बताना चाहिए कि समाज के जो पिछड़े वर्ग हैं जिनकी रहनुमाई का वे दावा कर रहे हैं, उनमें से कितने लोगों को उन्होंने टिकट देकर विधायक बनाया है?

पीके ने आगे कहा कि लालू और नीतीश को ये भी बताना चाहिए कि इन वर्गों के जो विधायक चुनाव जीतकर आए हैं, उनमें से कितने नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है? जो लोग मंत्रिमंडल में शामिल हैं, उन्हें किस तरह के विभाग दिए गए हैं और उनके पास कितना बजट है? उन्होंने इसके बाद सूबे का बजट भी बताया और दावा किया किया कि कुल 2 लाख 46 हजार करोड़ रुपये के बजट का करीब 60 फीसदी हिस्सा नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के पास जो विभाग हैं, उनका है. हकमारी तो यही दो लोग कर रहे हैं.

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जन सुराज के नेता ने सवालिया लहजे में ये भी कहा कि तेजस्वी यादव ही क्यों पथ निर्माण मंत्री रहेंगे. समाज का जो दबा-कुचला वर्ग है, जिसका वे दावा करते हैं कि उनको आवाज दे रहे हैं, आप उन्हें मौका दीजिए न. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव खुद से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ले लें और जो मुस्लिम मंत्री हैं जिन्हें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया है उनको गृह मंत्री बना दिया जाए तो इससे उन्हें कौन रोक रहा है?

समाज बांटने के लिए फेंका अंतिम पासा- पीके

पीके ने आगे कहा कि जातियों की गणना इसलिए नहीं कराई गई है कि उनको हक देना है. ये समाज को बांटकर वोट लेने का उपाय खोजा गया है. उन्होंने कहा कि ये नीतीश कुमार का अंतिम दांव है.समाज को बांटने के लिए अंतिम पासा फेंका गया है लेकिन ये उनको ही उल्टा पड़ा है. पीके ने कहा कि जिन वर्गों को भागीदारी नहीं मिली है, उनको ये दिख गया है कि हमारा हक लालू और नीतीश कुमार ही मार रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि जिनकी संख्या आपने बढ़ा दी, वह अब कह रहे हैं कि हमको और हक दीजिए. हमारी संख्या के हिसाब से हमको हक नहीं मिल रहा है. पीके ने कहा कि जिनकी संख्या आपने घटा दी, वह ये कह रहे हैं कि हमारा तो नंबर ही कम कर दिया. उन्होंने कहा कि अब चुनाव आएगा तब देखिएगा, नीतीश और तेजस्वी को दोनों तरफ से राजनीतिक मार पड़ने वाली है.

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