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गांधी गोडसे एक साथ नहीं चल सकते, नीतीश तय करें किसके साथ: प्रशांत किशोर

जनता दल यूनाइटेड से हाल ही में निष्कासित नेता प्रशांत किशोर ने एक बार फिर दोहराया है कि गांधी और गोडसे की विचारधारा एक साथ नहीं चल सकती है. प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा है कि वह तय करें कि किस विचारधारा के साथ चलेंगे.

जेडीयू से निष्कासित नेता प्रशांत किशोर (फाइल फोटो-PTI) जेडीयू से निष्कासित नेता प्रशांत किशोर (फाइल फोटो-PTI)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

  • प्रशांत किशोर फिर नीतीश पर हुए हमलावार
  • बोले- गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चलेंगे

बिहार विधानसभा से राष्ट्रीय नगारिक रजिस्टर(एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पास करना कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भारी न पड़ जाए. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की तरफ से अभी तक इस पर चुप्पी साधी ली गई है. बीजेपी के शीर्ष नेताओं का कहना है कि एनआरसी का अभी केन्द्र सरकार का प्रस्ताव ही नहीं तो उसके खिलाफ प्रस्ताव का क्या मतलब है.

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जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं से विचार विमर्श करने के बाद ही इतना बड़ा फैसला लिया है. 22 फरवरी को पटना में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी मुलाकत भी हुई थी. उसी दौरान स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया.

क्या है प्रशांत किशोर की राय?

जेडीयू से निष्कासित राजनैतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस पर अलग राय रखते हैं. प्रशांत किशोर का कहना है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) पर जो प्रस्ताव विधानसभा से पास कर केन्द्र को भेजा गया है, इसमें क्या ये संभव है कि बिहार के लिए अलग एनपीआर होगा और उतर प्रदेश के लिए अलग. उनके मुताबिक एनपीआर का फॉर्मेट पूरे देश के लिए एक होता है. ऐसे में यह कैसे संभव है कि बिहार के लिए केन्द्र सरकार विशेष प्रावधान करेगी.

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यह भी पढ़ें: अब नीतीश पर नरम PK, NRC-NPR के खिलाफ प्रस्ताव के लिए की तारीफ

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं. नीतीश कुमार को यह तय करना पड़ेगा कि वो किसी एक धारा के साथ चले. उनके मुताबिक आप नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) का समर्थन करेंगे और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) का नहीं, इसका कोई मतलब नही हैं. दो नावों पर सवारी करने से नीतीश कुमार को ही नुकसान होगा.

यह भी पढ़ें: नीतीश कुमार की आलोचना करने वाले प्रशांत किशोर की चिराग पासवान ने की तारीफ

साफ है कि बीजेपी के साथ रहते हुए उन्हें मुस्लिमों का वोट नहीं मिल सका है. जो बीजेपी का वोटर है वो भी उनके साथ मन से नहीं रहेंगे. ये पहले वाली बीजेपी नहीं है जिसके साथ नीतीश कुमार ने गठबंधन की शुरूआत की थी. प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर भी कहा कि उन्होंने 15 मई से बिहार में एनपीआर लागू करने का जो ऐलान किया था उसका क्या होगा. उनकी स्थिति क्या होगी ये भी देखना जरूरी है.

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