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'हमारा तो रिश्ता पुराना...', प्रशांत किशोर से गुपचुप मुलाकात पर ये बोले नीतीश कुमार

चुनावी रणनीतिकार और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शनिवार को दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. दोनों के बीच हुई मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने मुलाकात के संबंध में मीडिया के सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि प्रशांत किशोर से उनका रिश्ता पुराना है.

प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार. -फाइल फोटो प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST
  • दिल्ली में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से की मुलाकात
  • जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं प्रशांत किशोर

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से मुलाकात के सवाल पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मीडिया के सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया. उसने प्रशांत किशोर से मुलाकात और जेडीयू में उनकी वापसी के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर से उनका रिश्ता पुराना रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर से हुई उनकी मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं है.

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नीतीश कुमार ने झारखंड में भोजपुरी और मगही भाषा पर उपजे विवाद को लेकर भी सवालों के जवाब दिए. बिहार और झारखंड एक ही ही रहा है. दोनों राज्यों का रिश्ता अलग नहीं है. दोनों राज्यों के लोगों का रिश्ता आज भी एक ही है. नीतीश कुमार ने कहा कि दोनों राज्यों के बॉर्डर पर देख लीजिए लोग कैसे साथ रहते हैं.

भोजपुरी और मगही को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं झारखंड सरकार ऐसा क्यों कर रही है. ये झारखंड सरकार के लिए ही नुकसानदायक है. झारखंड में भोजपुरी और मगही तो बोली ही जाती रही है. इस दौरान बिहार विधानसभा के ठीक सामने परिसर में बन रहे शताब्दी स्तंभ पर उपजे विवाद पर नीतीश कुमार ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

बता दें कि शनिवार को दिल्ली में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच लंबे अरसे के बाद मुलाकात हुई. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने सितंबर 2018 में जदयू ज्वाइन किया था. इसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें जनता दल यूनाइटेड का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बना दिया था. लेकिन कुछ कारणों से नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच सबकुछ ठीक नहीं रहा और प्रशांत किशोर ने जदयू छोड़ दिया था. 

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प्रशांत किशोर ने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था.प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने 'मोदी लहर' में बदल दिया था. गौरतलब है कि किशोर, 2014 में बीजेपी, 2015 में बिहार में महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिये काम कर चुके हैं. 

 

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