
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं और अपने जन सुराज अभियान को तेज कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला पूरी तरह से लोगों पर निर्भर है. लोग कहेंगे कि किसी की मदद करनी है, तो जन सुराज मदद करेगा.
दरअसल, जन सुराज पदयात्रा के 220वें दिन प्रशांत किशोर वैशाली जिले के गोरिगांव पंचायत में पहुंचे, जहां उन्होंने सर्वधर्म प्रार्थना में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने पदयात्रा का अनुभव साझा किया. जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर 2022 से लगातार बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं.
वो पदयात्रा के जरिए अब तक लगभग 2500 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं. पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण होते हुए वैशाली जिले पहुंची है. वैशाली में पदयात्रा अभी 2 दिन और चलेगी और इस दौरान अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से गुजरेगी.
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के महनार में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'अगर प्रशांत किशोर नेताओं और दलों को सलाह देकर जिता सकते हैं, तो भरोसा रखिए बिहार की जनता को भी जिता सकते हैं.'
चुनाव पर जनता लेगी फैसला
इस पूरे अभियान में यह भी कहा जा रहा है कि जनता के बीच से ऐसे लोगों को ढूंढ़कर निकालेंगे और उनके साथ पूरी शक्ति, बुद्धि और संसाधन लगाएंगे और जिता कर लाएंगे. उन्होंने कहा, जब कोई ईमानदार व्यक्ति जीतकर आएगा, तभी स्थिति सुधरेगी.
पीके ने कहा कि अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव पूरी तरह से जनता पर निर्भर करेगा. अगर लोगों को लगेगा की विकल्प की जरूरत है, तो हम उसकी मदद करेंगे. जैसे पिछले 5 जिलों में जब हम पदयात्रा कर रहे थे, तो वहां एमएलसी का चुनाव था और लोगों ने तय किया कि अफाक अहमद अच्छे आदमी हैं, इनकी मदद करनी चाहिए. जन सुराज ने शिक्षक निर्वाचन के चुनाव में अफाक की मदद की और वो चुनाव जीत गए.
वहीं, नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पीके ने कहा कि बिहार में दो नए उद्योग शुरू हो गए हैं, शराब माफिया और बालू माफिया. शराब की यहां होम डिलीवरी हो रही है. उन्होंने कहा, "शराब माफिया और बालू माफिया आज से 5-7 साल पहले इतने बड़े पैमाने पर नहीं थे, जितने कि आज हो गए हैं."
बिहार में आज ये दोनों उद्योग फलफूल रहे हैं. बिहार में आज लाखों करोड़ों रुपए की शराब और बालू की लूट हो रही है और इसमें नीचे से ऊपर तक लोग मिले हुए हैं. शराबबंदी के नाम पर शराब की दुकान बंद है लेकिन शराब की घर-घर होम डिलीवरी हो रही है.
60 फीसदी लोगों के पास जमीन नहीं: पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 60 प्रतिशत लोगों के पास अपनी जमीन ही नहीं है, सिर्फ पेट भरने के लिए खेती कर रहे हैं. उन्होंने बिहार में किसानों की बदहाली पर कहा कि बिहार में पिछले 75 सालों में भूमि सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है जिसकी वजह से आज देश में बिहार ऐसा राज्य है, जहां भूमिहीन लोग अधिक मात्रा में रहते हैं.
पीके ने कहा, बिहार में 60 प्रतिशत लोगों के पास 1 इंच जमीन नहीं है लेकिन उससे बड़ी समस्या यह है कि 40 प्रतिशत लोग जिनके पास जमीन है उनमें से 35 प्रतिशत लोगों के पास 2 बीघे से भी कम जमीन है.
बिहार में छोटे किसान हैं, जिस वजह से बिहार में आज कमाने वाली नहीं खाने वाली खेती हो रही है. खेती से पैसा कमाने का कोई विकल्प नहीं है. यहां लोग गेहूं, धान और मक्का इसलिए उगा रहे हैं ताकि अपना और अपने बच्चों का पेट भर सकें.