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राहुल के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस-जेडीयू के बीच मतभेद खत्म, नीतीश देंगे विपक्ष का साथ

आजाद ने नीतीश पर प्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था कि जो एक विचारधारा रखते हैं वह एक निर्णय लेते हैं जबकि जिनकी कई विचारधारा होती है वे अलग-अलग निर्णय लेते हैं.

राहुल गांधी और नीतीश कुमार (फाइल फोटो) राहुल गांधी और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन किए जाने से कांग्रेस और जेडीयू के बीच गहरा विवाद संभवत राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गया है. कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने का निर्देश दिया है. जेडीयू ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख अपनाते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साथ होने के संकेत दिए हैं.

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मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार का मजबूती से पक्ष लेते हुए अपने पार्टी के नेताओं से जेडीयू प्रमुख की आलोचना करने से दूर रहने का निर्देश दिया है. बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने अपने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में इस सप्ताह के शुरुआती दौर में मुलाकात होने की पुष्टि की पर उन्होंने बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी से इंकार किया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राहुल ने चौधरी को नीतीश के खिलाफ बयान जारी करने वाले पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए. दरअसल, जिस समय कांग्रेस और जेडीयू में विवाद गहराया था उस समय राहुल देश के बाहर थे. कांग्रेस और जेडीयू के बीच विवाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नीतीश कुमार पर बिहार की बेटी मीरा कुमार की हार सुनिश्चित करने के लिए आगामी 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का समर्थन करने का आरोप लगाया.

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आजाद ने नीतीश पर प्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था कि जो एक विचारधारा रखते हैं वह एक निर्णय लेते हैं जबकि जिनकी कई विचारधारा होती है वे अलग-अलग निर्णय लेते हैं. आजाद के इस टिप्पणी के बाद प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी जेडीयू प्रमुख पर वार किया था. नीतीश ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था बिहार की बेटी को हराने के लिए क्यों चुना गया. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दो बार अवसर आए थे उस समय क्यों नहीं उन्हें उम्मीदवार बनाया.

आजाद की टिप्पणी पर जेडीयू ने भी पलटवार करते हुए कहा कि वह किसी के पिछलग्गू नहीं हैं. नीतीश के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का उनके व्यक्त्वि को लेकर समर्थन किए जाने पर बिहार की महागठबंधन के घटक दलों कांग्रेस, एनडीए और जेडीयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. राजनीतिक हल्के में नीतीश के साथ बेहतर संबंध रखने वाले राहुल के इस हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस और जेडीयू में मतभेद संभवत: समाप्त हो गए हैं.

इन दोनों दलों के बीच मतभेद समाप्त होने की बात ऐसे समय सामने आई है जब विपक्षी दलों की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार अपने तीन दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंच रही हैं. मीरा कुमार कांग्रेस और आरजेडी के विधायकों और सांसदों से मुलाकात करेंगी लेकिन उनकी नीतीश के साथ मुलाकात तय नहीं है.

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जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने फोन पर आज कहा कि आगामी अगस्त महीने में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विचार विमर्श करने के लिए अगर विपक्षी दलों द्वारा अगर उनकी पार्टी को आमंत्रित किया जाता है तो निश्चित तौर पर हम उसमें भाग लेंगे.

 

त्यागी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन करेगी अगर इसको लेकर जेडीयू से संपर्क साधा जाता है और बैठक में बुलाया जाता है. यह पूछे जाने पर क्या वे उक्त बैठक में वे शामिल होंगे. त्यागी ने कहा कि इस बारे में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और वरिष्ठ नेता शरद यादव निर्णय लेंगे. बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जेडीयू उपराष्ट्रपति चुनाव में हम लोगों के साथ होगी.

 

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