Advertisement

बिहार: 3 बच्चों के चक्कर में चली गई मेयर की कुर्सी! चुनाव लड़ने से पहले जान लीजिए ये नियम

बिहार के छपरा की मेयर राखी गुप्ता के चुनावी हलफनामे को चुनौती देते हुए राज्य चुनाव आयोग में केस दर्ज कराया गया था. जांच के बाद आयोग ने उन्हें मेयर पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. अब राखी ने हाईकोर्ट का रुख किया है.

राखी गुप्ता (फोटो- rakhiguptaofficial/Insta) राखी गुप्ता (फोटो- rakhiguptaofficial/Insta)
आशीष मिश्रा
  • पटना ,
  • 28 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

Rakhi Gupta, Chhapra Mayor: बिहार की राखी गुप्ता सुर्खियों में हैं. वो छपरा नगर निगम की मेयर थीं. लेकिन तीन बच्चों की मां होने के कारण उनकी कुर्सी चली गई. दरअसल, उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में दो बच्चों का ही जिक्र किया था और एक को छिपा लिया था. उनके हलफनामे को चुनौती देते हुए चुनाव आयोग में केस दर्ज कराया गया, जिसकी जांच के बाद आयोग ने उन्हें मेयर पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. तो आइए जानते हैं पूरा मामला और वो नियम जिसकी वजह से गई राखी गुप्ता की कुर्सी... 

Advertisement

बता दें कि दिसंबर 2022 में राखी ने छपरा नगर निगम से मेयर (Chhapra Mayor) का चुनाव जीता था. इस दौरान उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में सिर्फ दो बच्चियों का ही जिक्र किया था. जबकि, छपरा रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार उनके तीन बच्चे निकले. राखी ने हलफनामे में तीसरे नंबर की संतान का जिक्र नहीं किया. ऐसे में बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक राखी को अयोग्य करार दिया गया. 

राखी छपरा नगर निगम की मेयर थीं

हालांकि, राखी का कहना है कि उन्होंने अपने तीसरे बच्चे को एक निःसंतान रिश्तेदार को लिखित रूप से गोद दे दिया था. ऐसे में कानूनी रूप से उनके दो ही बच्चे हैं. लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने नियम का हवाला देते हुए राखी की मेयर पद की सदस्यता रद्द कर दी. 

क्या है वो नियम जिसके चलते गई मेयर की कुर्सी?

Advertisement

दरअसल, बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (एम) के मुताबिक, अगर किसी नागरिक को 4 अप्रैल, 2008 के बाद तीसरी संतान हुई, तो वह नगरपालिका निर्वाचन में चुनाव नहीं लड़ सकता है. इस अधिनियम में ही यह भी स्पष्ट किया गया था कि दो से अधिक संतान वाले लोग अगर किसी को बच्चा गोद दे देते हैं तब भी वो उस बच्चे के जैविक माता-पिता माने जाएंगे. 

फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची राखी गुप्ता

मतलब- बच्चे को गोद देने के बाद भी वो चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ही रहेंगे. हालांकि, अगर एक ही बार में जुड़वा या इससे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं तो नियम में बदलाव होगा.

पूर्व मेयर ने की थी शिकायत

नगर पालिका अधिनियम 2007 के इसी नियम के तहत छपरा नगर निगम की पूर्व मेयर सुनीता देवी ने राखी गुप्ता के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग में शिकायत की थी. पांच महीने की सुनवाई के बाद बीते गुरुवार को मामले में फैसला आया और अखिरकार राखी की सदस्यता चली गई. हालांकि, फैसले के खिलाफ राखी ने अब हाईकोर्ट का रुख किया है. 

राखी गुप्ता

राज्य चुनाव आयोग की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि राखी ने हलफनामे में 4 अप्रैल 2008 के बाद पैदा हुए अपने तीसरे बच्चे की जानकारी छुपाई थी. उन्होंने सिर्फ अपनी दो बेटियों की ही जानकारी दी थी. इस तरह उन्होंने नगर पालिका अधिनियम 2007 का उल्लंघन किया था. खुद छपरा जिलाधिकारी द्वारा आयोग को यह जानकारी दी गई थी कि राखी गुप्ता और उनके पति वरुण प्रकाश ने अपने तीसरे पुत्र श्रीश प्रकाश (6) को अपने निःसन्तान रिश्तेदार को कानूनी रूप से गोद दिया था. उस गोदनामे में बायोलॉजिकल माता-पिता के रूप में राखी और वरुण का नाम लिखा है. 

Advertisement
मेयर पद से हटाई गईं राखी

मॉडल से मेयर बनीं राखी गुप्ता

मालूम हो कि राखी गुप्ता मॉडल भी रह चुकी हैं. i-glam मिसेज बिहार प्रतियोगिता (2021) की वो रनर अप रही हैं. राखी ने एमबीए की पढ़ाई की है. उन्होंने पिछले साल पहली बार चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की. इंस्टाग्राम पर उनके नाम से बने पेज पर 70 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. यहां उनकी तमाम फोटोज मौजूद हैं. उनके स्टाइलिश लुक की भी खूब चर्चा होती रही है.

इनपुट- आलोक कुमार जायसवाल 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement