
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की पहली बरसी सोमवार को मनाई गई. इस मौके पर कयास लगाए जा रहे थे कि क्या पिछले दिनों रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस और उनके बेटे चिराग पासवान के बीच जो दूरियां पैदा हो गई है क्या वह खत्म होगी?
चिराग अपने पिता रामविलास पासवान की पहली बरसी पटना में मना रहे हैं जिसको लेकर उन्होंने देश भर के तमाम बड़े नेताओं को आमंत्रित किया है. मगर, सबसे दिलचस्प पहल चिराग ने तब की जब उन्होंने निमंत्रण पत्र में अपने चाचा पशुपति पारस का भी नाम परिवार के तौर पर शामिल किया और उन्हें भी इस कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा.
रामविलास पासवान की बरसी में शामिल होने के लिए रविवार को पशुपति पारस चिराग के घर पर पहुंचे तो लगा शायद चाचा भतीजे के बीच के मतभेद और दूरियां खत्म हो जाएंगी लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए पशुपति पारस ने साफ संकेत साफ दिए कि वह चिराग के साथ सुलह के मूड में नहीं हैं.
पारिवारिक व राजनीतिक रिश्ता अलग-अलग: पशुपति पारस
पशुपति पारस ने कहा “रामविलास पासवान मेरे बड़े भाई और भगवान थे. आज मैं जो कुछ भी हूं, उन्हीं की वजह से हूं. आज उनकी बरसी है और चिराग ने मुझे न्योता दिया मगर यह दुर्भाग्य की बात है क्योंकि आज तक किसी भी कार्यक्रम का आयोजन मैं किया करता था मगर आज मुझे न्योता भेजा गया है. मैं चिराग को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे न्योता भेजा. वह ना भी न्योता भेजते तो भी मैं कार्यक्रम में जरूर आता.” पशुपति पारस ने कहा कि “पारिवारिक और खून का रिश्ता अलग है और राजनीतिक रिश्ता अलग है. इसको राजनीति से मत जोड़िए.”
पशुपति पारस के इस बयान से स्पष्ट हो गया कि भतीजे चिराग के साथ वह किसी प्रकार की सुलह सफाई के मूड में नहीं है मगर क्योंकि रामविलास पासवान की बरसी का कार्यक्रम था और इसीलिए वह परिवारिक रिश्ता होने के कारण वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
चिराग ने नेताओं के कार्यक्रम में शामिल होने पर शुक्रिया कहा
बरसी के कार्यक्रम को लेकर चिराग पासवान ने कहा, मैं उन तमाम नेताओं को धन्यवाद जो मेरे पिता के बरसी पर मेरे घर पहुंचे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया था मगर उन्होंने अभी तक नहीं स्वीकार किया है. मुझे अभी भी उम्मीद है कि वह आएंगे. मुख्यमंत्री के अपने आवास पर राम विलास को श्रद्धांजलि देने पर कहा, रामविलास को सच्ची श्रदांजलि वो उनके घर पर आकर देते, रामविलास का अंश वहां रहता है.