
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prashad) के परिवार से जुड़े 17 ठिकानों पर शुक्रवार को CBI के छापों के बाद यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या बिहार में जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर एक राय रखने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से बीजेपी घबरा गई है?
सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश और तेजस्वी के साथ आने से परेशान बीजेपी के इशारे पर ही लालू परिवार पर सीबीआई के छापे पड़े? राष्ट्रीय जनता दल की माने तो शुक्रवार को आरजेडी सुप्रीमो के दिल्ली, पटना और गोपालगंज के 17 ठिकानों पर हुई सीबीआई के छापे के पीछे यही वजह है.
सीबीआई के छापे पर राजद विधायक और एमएलसी ने दिया ये तर्क
आरजेडी एमएलसी और लालू के करीबी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सीबीआई के छापे नीतीश और तेजस्वी यादव के बीच बड़ी नज़दीकियों की वजह से हुई है, खासकर जातीय जनगणना के मुद्दे पर दोनों नेताओं के साथ आने पर.
आरजेडी के एक अन्य विधायक मुकेश कुमार रोशन ने कहा कि नीतीश और तेजस्वी के साथ आने से बीजेपी में घबराहट है और बिहार में उसे अपनी जमीन खिसकने का डर लग रहा है और इसी कारण से लालू परिवार को परेशान करने के लिए सीबीआई के द्वारा छापेमारी करवाई गई है.
भाजपा ने आरजेडी के आरोपों से किया इनकार
बीजेपी ने आरजेडी के आरोपों को दरकिनार किया है और कहा है कि लाल परिवार ने जो बोया है वही वह काट रहा है. बीजेपी राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू परिवार और भ्रष्टाचार के बीच में बहुत गहरा संबंध है. लालू खुद भ्रष्टाचार के कई मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं. मैं सिर्फ एक बात कहना चाहूंगा, जो आप बोएंगे, वही काटेंगे.
आरजेडी के तरफ से यह भी आरोप लगाया गया कि लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी उस वक्त की गई है जब खुद लालू अस्वस्थ हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं और दूसरी तरफ तेजस्वी यादव भी पटना में नहीं है और लंदन में एक सेमिनार में शामिल होने के लिए गए हुए हैं.
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