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BJP पर लालू का निशाना, कहा- राम से मतलब ना रखने वाले भी लेते हैं राम का नाम

आरजेडी प्रमुख ने कहा, 'मैं साधु-संतों से दूर रहता हूं, लेकिन बापू की बात ही कुछ और है. वे असली संत हैं.' लालू ने रामकथा में अपनी आस्था जताते हुए कहा कि, 'रामकथा ही कथा है, रामकथा ही विरासत है और मोरारी बापू एक सच्चे संत हैं.'

हिंदू विरोधी टैग को खत्म करना चाहते हैं लालू हिंदू विरोधी टैग को खत्म करना चाहते हैं लालू
अंजलि कर्मकार/कुमार अभिषेक
  • पटना,
  • 20 जून 2016,
  • अपडेटेड 5:07 AM IST

वैसे तो आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव हमेशा साधु-संतों और भगवाधारियों पर निशाना साधते रहते हैं. लेकिन, पटना में वह रामकथा वाचक मोरारी बापू का प्रवचन सुनने पहुंचे, तो हैरान होना स्वभाविक है. इस दौरान लालू ने इशारों-इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'राम से मतलब नहीं है, लेकिन राम का नाम लेते रहते हैं.'

पटना के गांधी मैदान में संत मोरारी बापू की रामकथा का आयोजन किया गया था. बापू के कथा के समापन समारोह को संबोधित करते हुए आरजेडी प्रमुख ने कहा, 'मैं साधु-संतों से दूर रहता हूं, लेकिन बापू की बात ही कुछ और है. वे असली संत हैं.' लालू ने रामकथा में अपनी आस्था जताते हुए कहा कि, 'रामकथा ही कथा है, रामकथा ही विरासत है और मोरारी बापू एक सच्चे संत हैं.'

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बुरी नजर से बचाने के लिए मोरारी बापू ने दिया काला गमछा
इस दौरान लालू ने अपने अंदाज में कहा, 'बापू काला गमछा इसीलिए रखते हैं कि कहीं किसी की नजर न लगे.' इस पर वहां ठहाके छूटने लगे. बाद मोरारी बापू ने उन्हें भी एक काला गमछा दिया और कहा, 'आपको भी नजर न लगे.'

हिंदू विरोधी टैग को खत्म करना चाहते हैं लालू
बहरहाल, लालू और नीतीश ने जिस तरह से हाल के वक्त में साधु-संतों के पास अपनी हाजिरी लगानी शुरू की है, ये किसी नए एजेंडे की शुरुआत है. जानकारों का मानना है कि ये दोनों नेता अब अपने ऊपर लगने वाले 'हिंदू विरोधी टैग' को खत्म करना चाहते हैं. शायद यही वजह है कि कल तक साधु-संतों से दूर रहने वाले ये नेता अब धार्मिक कार्यों और अवसरों पर देखे जाने लगे हैं.

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