
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने एक फिर एक नया पोस्टर जारी किया है. आरजेडी दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुर्सी के पीछे छिपा हुआ दिखाया गया है, जिन्हें लोगों ने अपने सवालों से घेर रखा है.
इस पोस्टर में रोटी कहां है, रोजगार कहां है स्वस्थ्य कहां है, शिक्षा कहा हैं जैसे सवाल पूछे गए हैं. रविवार को लगे इस पोस्टर के जरिए आरजेडी ने बिहार सरकार को घेरने की कोशिश की है. शनिवार को जदयू की तरफ से भी एक पोस्टर पटना में लगाया गया था जिसमें लालू यादव को निशाने पर लिया गया था.
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बता दें कि बिहार में आरजेडी और जदयू के बीच पोस्टर वॉर का यह कोई नया खेल नहीं है. पहले भी दोनों पार्टियां एक-दूसरे को निशाने पर लेने के लिए पोस्टर का सहारा लेती रही हैं.
इससे पहले, 2019 के आखिरी महीने में जेडीयू ने पोस्टर वॉर की शुरुआत की थी. इस पोस्टर में 15 साल बनाम 15 साल लिखा गया था. पोस्टर में राष्ट्रीय जनता दल के 15 साल की तुलना नीतीश कुमार के 15 साल के काम से की गई थी.
इसके जवाब में आरजेडी ने पटना के वीरचंद पटेल और हवाईअड्डा मार्ग के किनारे कई तरह के पोस्टर लगाए थे, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश के लापता होने की जानकारी देते हुए कई संदेश लिखे हुए थे.
बिहार में जारी है पोस्टर वॉर
बिहार में इसी के बाद से पोस्ट वॉर शुरू हो चुका है. उसके बाद लगातार जेडीयू और आरजेडी के बीच पोस्टर वॉर जारी है. जो अभी तक थमा नहीं है.
बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. इसलिए यह पोस्टर वॉर लगातार जारी है. आरजेडी के पोस्टर का जवाब जेडीयू और जेडीयू के पोस्टर का जवाब आरजेडी देती आ रही है. यह सिलसिला इस साल अक्टूबर में होने वाले चुनाव तक चलेगा.
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इस साल चूंकि मामला बराबरी का है, आरजेडी की सरकार भी 15 साल बिहार में राज कर चुकी है और अब जेडीयू के सरकार के भी 15 वर्ष पूरे पूरे हो रहे हैं. इसलिए दोनों दल बराबरी का मैच खेल रहे हैं. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप जारी है.