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बिहार में RJD को मिले सरकार बनाने का मौका: रघुवंश प्रसाद सिंह

रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, बीजेपी का भंडा फूट गया है. बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. इस बात को नकार कर नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण करा दिया गया. और कर्नाटक में येदियुरप्‍पा को सबसे बड़ी पार्टी कहकर शपथ ग्रहण करा दिया गया. ये दोहरा मापदंड क्‍यों है.

रघुवंश प्रसाद सिंह रघुवंश प्रसाद सिंह
रणविजय सिंह/सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

कर्नाटक में बीजेपी के स्‍टैंड को लेकर बिहार में आरजेडी खुश हैं. आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर कर्नाटक में उनका स्टैंड सही तो बिहार में भी उसे लागू करें. बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है ऐसे में राज्‍यपाल को उन्‍हें हमें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए. बता दें, बिहार में बीजेपी और जनता दल यू की सरकार है, जो कि चुनाव के बाद गठबंधन से बनी है.

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रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, बीजेपी का भंडा फूट गया है. बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. इस बात को नकार कर नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण करा दिया गया. और कर्नाटक में येदियुरप्‍पा को सबसे बड़ी पार्टी कहकर शपथ ग्रहण करा दिया गया. ये दोहरा मापदंड क्‍यों है.  

उन्होंने कहा कि, बिहार में दोबार बनी नीतीश कुमार की सरकार अनैतिक है. सुशील मोदी को विपक्ष में बैठने का बहुमत था. और आ गए है उप मुख्‍यमंत्री बनकर. बीजेपी देश की जनता से माफ़ी मांगे. नहीं तो फिर यहां सरकार बनाने के लिए हमें मौका दिया जाए.

रघुवंश प्रसाद ने कहा कि इसको लेकर आंदोलन होगा. हम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को हटाना चाहते हैं. हमलोग आंदोलन करेंगे. इसके लिए 5 लाख सत्याग्रही को भर्ती करेंगे. जेल भरो अभियान कराएंगे और इनको छोड़कर भागना पड़ेगा. इस लड़ाई में सब गड़बड़ लोग ध्वस्त हो जाएंगे और सभी सही लोग सामने आ जाएंगे.  

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पिछले साल जुलाई में जब नीतीश कुमार ने आरजेडी से नाता तोड़ कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तो यही सवाल उठा था. आरजेडी 80 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से सरकार बनाने का दावा ठोक रही थी, लेकिन उसे मौका नहीं मिला. जबकि जनता दल यू और बीजेपी ने चुनाव बाद हुए गठबंधन के तहत अपना दावा ठोक दिया था. उस वक्‍त नीतीश कुमार को जनता दल यू के 71 और बीजेपी के 54 विधायकों का समर्थन प्राप्त था.

आज यही स्थिति कर्नाटक में है. जहां कांग्रेस के 78 और जेडीएस के 38 विधायक मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर जाते हैं. उन्हें 2 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. उन्होंने राज्यपाल को अपने समर्थन की लिस्ट भी सौंप दी थी, लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से बीजेपी को न्‍योता दिया. रघुवंश प्रसाद सिंह का कहना है कि यह बीजेपी के दोहरे मापदंड को दर्शाता है.

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