
नवरात्रि के पावन पर्व पर भी बिहार में जमकर राजनीति हो रही है और खासतौर पर पोस्टर वॉर के जरिए एक-दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है. इसी क्रम में बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें पार्टी नेता तेजस्वी यादव को राम के रूप में दिखाया गया है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रावण के रूप में पेश किया गया है.
विवादित पोस्टर आरजेडी के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक कार्यकर्ता आनंद यादव के द्वारा लगाया गया है. दरअसल, तेजस्वी यादव 21 अक्टूबर से 'संविधान बचाओ न्याय यात्रा' के चौथे चरण के दौरे पर निकलने वाले हैं और इस पोस्टर के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की गई है कि वो तेजस्वी यादव के हाथों को मजबूत बनाएं.
यहां विवाद तेजस्वी यादव को राम के रूप में प्रस्तुत करने पर नहीं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 10 सिर वाले रावण के तौर पर दिखाए जाने को लेकर हो रहा है. इस पोस्टर में एक संदेश भी है, जिसमें लिखा है, 'जब-जब रावण ने अत्याचार किया है, तब-तब एक राम ने जन्म लिया है.' इशारों-इशारों में इस पोस्टर में नीतीश कुमार को अत्याचार का पर्याय बताया गया है.
आरजेडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी इस पोस्टर की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह पोस्टर गैर जरूरी है और नीतीश कुमार को रावण के रूप में दर्शाया जाना गलत है.